राजनांदगांव(दावा)। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े हाईप्रोफाइल मामले में बुधवार को कांकेर पुलिस ने शहर के इलेक्ट्रानिक आयटमों के व्यापारी हितेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया। यह व्यापारी वाकी-टाकी और सीसीटीवी कैमरों का कारोबार करता है। पुलिस को अंदेशा है कि नक्सलियों के लिए वाकी-टाकी वगैरह इसी के माध्यम से सप्लाई होती है। बताया गया कि मामले की जांमच के लिए गठित एसआईटी के समक्ष उक्त व्यापारी को गुरुवार को पेश किया जाएगा। उसमें कुछ खुलासे हो सकते हैं।
बुधवार को दोपहर में पुलिस की टीम कामठीलाइन स्थित दुकान में अचानक धमकी। कुछ देर बाद हितेश अग्रवाल को पुलिस की टीम वाहन में बैठाकर ले गई। कांकेर पुलिस के साथ में कोतवाली थाने के भी पुलिसकर्मी थे। पहले तो लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था। बाद में पता चला कि नक्सलियों को सामग्रियां सप्लाई करने वाले मामले में उक्त को गिरफ्तार किया गया है।
वाकी-टाकी सप्लाई का काम
बताया गया कि उक्त व्यापारी सीसीटीवी कैमरों के अलावा वाकी-टाकी सप्लाई का भी काम करता है। नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के खुलासे में पुलिस को पता चला था कि जंगल तक जूतों से लेकर कई तरह के सामान व्यापारियों द्वारा पहुंचाए जा रहा था। नक्सली वाकी-टाकी का भी उपयोग करते हैं। संदेह के आधार पर उठाए गए व्यापारी पर शक है कि यह सप्लाई यहीं से तो नहीं की जा रही थी। पूछताछ के बाद एक-दो दिन में खुलासा होने की उम्मीद है।
मुख्य आरोपी अब तक फरार
नक्सलियों के शहरी नेटवर्क मामले में दो मुख्य आरोपियों में निशांत जैन बिलासपुर की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। दूसरा राजनांदगांव का वरूण जैन है जो अब तक फरार है। कांकेर पुलिस इस मामले में पहले ही 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन वरुण को नहीं तलाश पायी है। उसकी गिरफ्तारी से कई अहम राज खुल सकते हैं। कोतवाली टीआई वीरेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि कांकेर से पुलिस टीम आयी थी जिसने व्यापारी हितेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर ले गई। जांच वहीं की टीम कर रही है।