रक्षा बंधन भाई-बहन के प्रेम का पर्व है। इन दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और अपने भाइयों की सुख और समृद्धि की कामना करती हैं। पंचांग के अनुसार, भाई-बहनों का पवित्र पर्व 3 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन का मुहूर्त बेहद विशेष है। ऐसा मुहूर्त 29 वर्षों बाद आया है। आइए जानते हैं इस बार रक्षाबंधन पर क्या खास संयोग बन रहे हैं…
1.इस बार रक्षाबंधन सावन के आखिरी सोमवार को है।
2.इस वर्ष रक्षाबंधन पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान का शुभ संयोग बन रहा है। रक्षाबंधन का ऐसा शुभ योग करीब 29 वर्षों बाद बन रहा है।
3.इस बार भद्रा और ग्रहण का साया भी पर्व पर नहीं पड़ेगा।
4.भद्रा सूर्य की पुत्री है जो इस बार रक्षाबंधन पर सुबह 9 बजकर 29 बजे तक ही रहेगी।
5.उत्तराषाढ़ा नक्षत्र सोमवार को रक्षाबंधन के दिन सुबह 7 बजकर 20 मिनट तक है। फिर श्रवण नक्षत्र लग जाएगा।
6.मुहूर्त :इस दिन सुबह 9 बजे से लेकर 10.30 बजे तक शुभ,
दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चर,दोपहर 3 से 4.30 बजे तक लाभ,
शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत एवं
शाम 6 से 7.30 बजे तक चर का चौघड़िया मुहूर्त है।
7. इस बार सोमवार के दिन राखी का पर्व आने से अन्न एवं धनधान्य के लिए अच्छे अवसर पैदा होंगे।
8.इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि व दीर्घायु आयुष्मान योग बन रहा है। साथ ही इस बार भद्रा और ग्रहण का भी रक्षाबंधन पर कोई साया नहीं है।
इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योग, प्रीति योग, सोमवती पूर्णिमा, मकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र उत्तराषाढा नक्षत्र सोमवार को रहेगा। इससे पहले तिथि वार और नक्षत्र का यह संयोग सन् 1991 में बना था। .रक्षाबंधन पर सुबह ही खत्म हो जाएगी भद्रा, बहनें भाईयों को पूरे दिन बांध सकेंगी राखी
9. 3 अगस्त 2020, राखी बांधने के शुभ मुहूर्तपूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 2 अगस्त को रात्रि 9 बजकर 28 मिनट सेरक्षाबंधन अनुष्ठान का समय- सुबह 09 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तकदोपहर का मुहूर्त- 1 बजकर 46 मिनट से शाम 4 बजकर 26 मिनट तकसबसे शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तकराहुकाल- प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक (इस समय राखी न बांधें)पूर्णिमा तिथि समाप्त- 3 अगस्त की रात 9 बजकर 27 मिनट पर
10. इस बार कोरोना काल में त्योहार मन रहा है इसलिए अगर राखी बांधते समय बहनें रक्षा सूत्र पढ़ती हैं तो यह भाई के लिए बेहद ही शुभ है। इस रक्षा सूत्र का वर्णन महाभारत में भी आता है। पढ़ें रक्षा सूत्र:शुभ मंत्र
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वामपि प्रति बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।