भिलाई। अंतरिक्ष कार्यक्रम के सैटेलाइट प्रक्षेपण वाहनों के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) ने एक बार फिर उच्च गुणवत्तायुक्त प्लेट का उत्पादन किया है। देश को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में संयंत्र ने यह सफलता हासिल की है। वर्तमान में रोलिंग की जा रही मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी) हैदराबाद द्वारा दी गई एमडीएन-250 स्लैब्स के इस लॉट का प्रयोग अब भारत के प्रथम मानवयुक्त उपग्रह मिशन कार्यक्रम “गगनयान” के प्रक्षेपण के लिए किया जाएगा। इससे पूर्व फरवरी 2020 में भी इसके लिए स्लैब्स की रोलिंग की गई थी।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने बुधवार को अपने प्लेट मिल से मिधानी स्लैब्स की 11वीं बार सफलतापूर्वक रोलिंग की। इन प्लेटों की रोलिंग गुणवत्ता के कड़े मापदंड के मध्य किया जाता है। इन प्लेटों को कड़े निरीक्षण व कठोर परीक्षण से गुजरना होता है। प्लेटों की रोलिंग प्लेट मिल के मुख्य महाप्रबंधक जेके सेठी के नेतृत्व और इन प्लेटों का निरीक्षण मुख्य महाप्रबंधक (गुणवत्ता) एसके कर के मार्गदर्शन में की जा रही है।
भिलाई के प्लेट मिल में नियमित अंतराल में इन स्लैब्स को 9.3 मिलीमीटर की मोटाई में सफलतापूर्वक रोलिंग की जा रही है। इन प्लेटों का उपयोग देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम के सैटेलाइट प्रक्षेपण में किया जा रहा है। देश के लिए अति महत्वपूर्ण इन प्लेटों की मिधानी और विक्रम साराभाई स्पेस रिसर्च सेंटर के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में नियमित रूप से किया जा रहा है। वित्तवर्ष 2018-19 में 102 टन तथा वित्तवर्ष 2019-20 में 160 टन प्लेट्स की रोलिंग की गई, जिसमें फरवरी 2020 में गगनयान के लिए की गई रोलिंग भी शामिल है।
इसरो 2022 में अंतरिक्ष में भेजेगा मानवयुक्त उपग्रह
गगनयान परियोजना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसके माध्यम से प्रथम मानवयुक्त उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इन शक्तिशाली स्पेशल प्लेटों की विशेषता यह है कि ये अति ताप को सहने की क्षमता रखते हैं। इसके रोलिंग में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ती है। इसमें स्लैब्स के रिहीटिंग से लेकर रोलिंग तक कड़े तकनीकी मापदंडों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाता है।
इनका कहना है
बीएसपी गगनयान के लिए स्पेशल प्लेट बना रहा है। यह देश के लिए गर्व की बात है। इन प्लेटों का उपयोग पीएसएलवी के बाहरी मोटर आवरण और इसरो के जीएसएलवी सैटेलाइट प्रक्षेपण वाहनों में किया गया है। इसमें चंद्रयान प्रक्षेपण के लिए उपयोग किए जाने वाले एसएलवी भी शामिल हैं।
– जैकब कुरियन, महाप्रबंधक, जनसंपर्क विभाग, बीएसपी