कोरोना की वैक्सीन को लेकर जहां दुनियाभर में अनुसंधान चल रहा है, वहीं रूस ने कोरोना की दूसरी वैक्सीन बनाने का दावा कर दिया है। 11 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुनिया की पहली वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V) लॉन्च की थी।
अब रूस ने EpiVacCorona नाम की दूसरी वैक्सीन बनाने का दावा किया है। रूस का कहना है कि पहली वैक्सीन Sputnik V के जो साइड इफेक्ट सामने आए थे, वे नई वैक्सीन लगाने में नहीं होंगे। वैक्सीन को वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने तैयार किया है।
खबरों के मुताबिक वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी अबतक कोरोना वायरस की 13 संभावित वैक्सीनों को पर काम कर चुका है, इन पर लैब में जानवरों पर परीक्षण किए जा चुके हैं।
डेली मेल में छपी एक खबर के अनुसार वैज्ञानिकों का दावा है कि EpiVacCorona वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल सितंबर में पूरा हो जाएगा। अक्टूबर तक वैक्सीन रजिस्टर कर ली जाएगी और नवंबर से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।
खबर के मुताबिक अब तक जिन 57 वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई है, उन्हें कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है। कोरोना संक्रमित को इस नई वैक्सीन की दो खुराक दी जाएंगी। पहली खुराक दिए जाने के 14 से 21 दिन के भीतर दूसरी खुराक दी जाएगी।
रूस ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए अपनी पहली Sputnik5 वैक्सीन के पहले बैच का उत्पादन शुरू कर दिया है। इस वैक्सीन को गामालेया साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा बनाया गया है।
कई देशों से रूस को इस वैक्सीन अरबों डोज के ऑर्डर भी मिले थे। तब से सबकी निगाहें रूस की वैक्सीन पर लगी थी। खबरें हैं कि रूस सबसे पहले अपनी बनाई हुई वैक्सीन बेलारूस को सौंपेगा।