Home छत्तीसगढ़ साक-सब्जियों की बढ़ी किल्लत… लोग परेशान

साक-सब्जियों की बढ़ी किल्लत… लोग परेशान

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लाकडाउन में सब्जी बिकना बंद, चलित सब्जी ठेला चलाए जाने की मांग

राजनांदगांव (दावा)। कोरोना संक्रमण के बढ़ते फैलाव को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा सप्ताह भर के लिए लॉक डाउन लगाया गया है। पूरे शहर को कंटेन मेंट जोन घोषित कर दैनिक आवश्यकता के चीजों वाली दुकाने भी बंद कर दी गई है। इससे लोगों को दिनचर्या में उपयोग आने वाली खाने-पीने की चीजें नहीं मिलने से परेशान है। सबसे ज्यादा परेशानी हरी साक-सब्जिया नहीं मिलने को लेकर बनी हुई है। हालांकि प्रशासन ने शाम 5 से 8 बजे तक होम डिलीवरी के लिए छूट दी है। उसमें केवल किराना दुकाने प्रॉविजन स्टोर्स से राशन व अन्य खाद्य सामग्रियों सहित तेल, साबून व सौंदर्य प्रशाधन की चीज ही लिया जा सकता है। साक-सब्जियां नहीं।

क्यों कि लाकडाउन में थोक सब्जी मंडी-बसंतपुर से लेकर मुख्य मार्केट गोल बाजार, हाटबाजार सभी बंद पड़े है। यहां तक कि मुहल्लों में पसरा लगाकर सब्जी-तरकारी बेचने पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है इससे लोगों को रोजाना दोनों जून उपयोग के लिए ताजा साक-सब्जियां नहीं मिल रही है। लोग ताजी साक-सब्जियां नहीं मिलने से परेशान है।


ज्ञात हो कि लाक डाउन लगने के एक दिन पहले लोगों ने बाजार में जरूरत की चीजों की जमकर खरीदी की थी। बाजार में भीड़ का आलम रहा। इतनी भीड़ की सोशल डिस्टेसिंग को धज्जियां उड़ती रही लेकिन लोगों कोरोना संक्रमण का परवाह न करते हुए दैनिक आवश्यकताओं की चीजे तथा दो-चार दिन के लिए साक-सब्जिया खरीदने में रूचि दिखाई। अब खरीदी गई साक-सब्जियां खत्म होने के कगार पर है। खास बड़े परिवार वाले लोगों के यहां खरीदी गई साक-सब्जिया जल्द ही खत्म हो जाने से उन्हें परेशानी उठाना पड़ रहा है। लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन द्वारा शहर के वार्ड मुहल्लों में चलित सब्जी ठेला चलवा जाए ताकि लोग को ताजी सब्जियां उपलब्ध हो सके।

रोज कमाने खाने वाले लोगों पर संकट
सप्ताह भर के लाकडाउन ने रोज कमाने खाने वाले लोगों पर संकट ला दिया है। एक तो लाकडाउन के चलते वैसे ही काम-धंधे बंद पड़े है इसके चलते उनके हाथों में पैसे नहीं और यदि थोड़े बहुत पैसे है भी तो बाजार में साक-सब्जिया नहीं मिल रही। बगैर साक-सब्जी के रोटी-चावल को ऐसे ही नहीं निगला जा सकता। यह लाकडाउन का पहला मौका है जब फल व सब्जिया बेचने के लिए छूट नहीं मिली है। इस बंदिश से तमाम सब्जी उत्पादक किसानों से लेकर सब्जी विक्रेता परेशान है। इधर बारिश-पानी के चलते बाडिय़ों में सब्जियां खराब हो रही है। बाहर से भी हरि सब्जियों की आवक नहीं हो रही। इससे सब्जियों के दाम आसमान छू रहे है। लोगों को इस कोरोना काल के लाकडाउन में इसकी भी परवाह नहीं लेकिन उन्हें कम से कम ताजी सब्जियां उपलब्ध तो होवे?

चलित सब्जी ठेला प्रारंभ हो
लोगों ने लाक डाउन के पूर्व दैनिक आवश्यकता के चीजों की खरीदी कर सप्ताह भर के लिए भंडारण कर लिया है लेकिन सब्जियों को तो ज्यादा स्टाक में नहीं रखा जा सकता। स्टाक में रखी गई सब्जिया खत्म हो गई है जिसके चलते ताजी सब्जियों के लिए मारा मारी बनी हुई है। स्थानीय प्रशासन इस दिशा में अविलम्ब ध्यान दे और चलित सब्जी वालों को विक्रय की अनुमति देकर मुहल्ले, वार्डों में लोगों को ताजी सब्जियां उपलब्ध कराए। तो ज्यादा बेहतर होगा नहीं तो सब्जियों के लिए मारामारी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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