वित्तीय वर्ष में शहर में 6 हजार आवास बनाने का था लक्ष्य, 2270 ही बनकर तैयार
राजनांदगांव (दावा)। कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री आवास योजना का फंड मार्च माह से जारी नहीं हुआ है। फंड नहीं होने से आवास निर्माण का काम ठप्प पड़ा है। अधूरे मकान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हितग्राही नगर निगम, जिला पंचायत व जनपद पंचायत के चक्कर काट रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी पीएम आवास योजना का बुरा हाल है। गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में जिले में 21402 आवास बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें बमुश्किल 2609 आवास ही बन पाए हैं। ऐसे में लक्ष्य के विपरीत ज्यादातर आवास अधूरे ही रह गए हैं। वहीं वित्तीय वर्ष में राजनांदगांव निकाय क्षेत्र में 6000 हजार आवास बनाने का लक्ष्य है, लेकिन अब तक सिर्फ 2270
आवास ही बना है।चक्कर कांटने मजबूर है हितग्राही
मिली जानकारी के अनुसार मार्च माह से पीएम आवास का फंड जारी नहीं हुआ है। इसकी वजह से हितग्राहियों को अग्रिम किस्त नहीं मिल पाई है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक तीन दिसंबर की स्थिति में लक्ष्य के विपरीत 16894 आवासों का पंजीयन हो चुका है। 20042 परिवारों को घर बनाने के लिए प्रथम किस्त दी जा चुकी है। 13762 हितग्राहियों को दूसरा, 6351 हितग्राहियों को तीसरा और 1381 हितग्राहियों को चौथी किस्त दी जा चुकी है। अधूरे मकान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए हितग्राही नगर निगम, जिला पंचायत व जनपद पंचायत के चक्कर काट रहे हैं।
शहर में अब तक सिर्फ 2270 आवास ही बने
पात्र हिताग्रहियों का सर्वे कर नगर निगम ने शहर में पीएम आवास के तहत 6000 मकान बनाने का टारगेट किया है, लेकिन पिछले डेढ़ साल में निगम सिर्फ 2270 मकान ही बना पाया है। इसमें से भी कई आवास कम्प्लीट नहीं है। कई आवास में फिनिशिंग का काम बाकि है, तो कहीं फ्लोरिंग ही नहीं हुई है। बंधक जमीनों पर फ्लेट के रूप में बने पीएम आवासों तक भी पानी-बिजली नहीं पहुंच पाया है। ज्ञात हो कि बगैर पानी-बिजली की व्यवस्था किए निगम ने लखोली में बने आवास को आवंटित भी कर दिया है। यहां शिफ्ट होने के बाद हितग्राही पानी-बिजली के लिए भटक रहे हैं। लोगों ने इसका विरोध भी किया है, जिसके कारण कम्प्लीट आवासों को आवंटन करने की प्रक्रिया को निगम ने रोक रखी है।
शहर में 6000 हजार आवास बनाने का लक्ष्य
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में नगर निगम अपने ही टारगेट से पिछड़ गया है। शहर में पीएम आवास के लिए निगम प्रशासन ने 6000 आवास का लक्ष्य रखा है, जिसमें से केवल 2270 आवास ही डेढ़ साल में कम्प्लीट हो पाया है। खबर है कि इनमें से अधिकांश आवास निर्माणाधीन भी है। जबकि निगम अधिकारी इसे पूर्ण बता रहे हैं। यह टारगेट मोर जमीन मोर आवास के तहत बनाया गया है। फंड के संकट में ज्यादातर आवासों का काम रूक गया है। शायद यही वजह है कि निगम प्रशासन अपने ही टारगेट से पिछड़ गयी है।