रायपुर। भारत सरकार ने चीन के ऐप के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बावजूद राजधानी रायपुर के सरकारी कार्यालयों में उनका उपयोग हो रहा है। कैम स्कैनर सहित कुछ अन्य चाइनीज ऐप के जरिये धड़ल्ले से सरकारी आदेश-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। हाल ही में 21 और 22 सितंबर को लॉकडाउन का आदेश और स्कूल शिक्षा विभाग का आदेश भी कैम स्कैनर से स्कैन कर जारी किया गया था। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिबंधित ऐप का उपयोग होने से डेटा लीक होने की आशंका है।
फोटो खींचकर बनाएं पीडीएफ
साइबर विशेषज्ञ मोहित साहू ने बताया कि प्रतिबंधित ऐप का उपयोग से जो भी दस्तावेज स्कैन किए जा रहे हैं, उनका डेटा आसानी से चीन के पास उपलब्ध हो जाएगा। अगर किसी गोपनीय आदेश को इससे स्कैन किया जाता है, तो उसके लीक होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसकी जगह फोन से फोटो खींचकर उसकी पीडीएफ फाइल बना सकते हैं। किसी भी जरूरी दस्तावेज का पीडीएफ कैम स्कैनर से न करें। इसकी जगह कागज जैसे भारतीय ऐप्स का कुछ भुगतान कर उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा लैपटॉप से किसी भी फाइल का पीडीएफ आसानी से बनाकर जारी कर सकते हैं।
ये ऐप हैं प्रतिबंधित
भारत सरकार ने चीन के कैम स्कैनर, टिक-टॉक, शेयरइट, क्वाई, बाइडू मैप, शीन, क्लैश ऑफ किंग्स, डीयू बैट्री सेवर, हैलो, लाइकी, यू कैन मेकअप, माई कम्युनिटी, यूसी न्यूज, वीबो, वीमेट, वीगो वीडियो स्वीट सेल्फी सहित दर्जनों एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बाद से इन्हें प्ले स्टोर से हटा भी दिया गया है। मगर, जिन लोगों से स्मार्टफोन में यह एप पहले से अपलोड हैं, वे अभी भी इसका उपयोग कर रहे हैं। प्रतिबंधित एप का प्रयोग सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है। यदि आपके फोन में भी ये एप्स हैं, तो उन्हें हटा दें।