छत्तीसगढ़ के किसानों को किसान बिल की पहली सौगात, मोदी ने अपना काम किया अब भूपेश की बारी है
राजनांदगांव (दावा)। किसान नेता अशोक चौधरी ने मोदी सरकार के किसान बिल पास होने के बाद छत्तीसगढ़ के किसानों को पहली सौगात दे दिया है पिछले साल केन्द्रीय पुल में साढ़े 43 लाख मिट्रीक टन चांवल छत्तीसगढ़ सरकार से खरीदा था वह भी श्री भूपेश सरकार को इसके लिये बहुत लिखा पढ़ी करना पड़ा था। इस साल किसानों की धान कटाई के एक माह पूर्व ही मोदी केबिनेट ने छत्तीसगढ़ से 60 लाख मिट्रीक टन चांवल केन्द्रीय पुल में खरीदने का निर्णय ले लिया है। इससे छत्तीसगढ़ सरकार को 1500 करोड़ रूपये से ज्यादा का लाभ होगा।
अब किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार को किसानों से गिरदावली के तहत खेतों के मेड़ खलिहान की जमीन और मोटर पम्प के लिये गड़ाये गये बिजली खम्बों का रकबा कम करने का कार्य बंद करना चाहिये एवं प्रति एकड़ 20 क्वींटल धान खरीदी का आदेश देना चाहिये। इसका पुख्ता कारण भी है पिछले वर्ष सरकार ने 80 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद किया गया था इस वर्ष 85 लाख मिट्रीक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है और गिरदावरी के तहत काला कानून बनाकर प्रति एकड़ 15 डिस्मील रकबा को कम किया जा रहा है। छै एकड़ के किसान से पांच एकड़ का धान ही खरीदा जायेगा। जब केन्द्रीय सरकार 18 लाख मिट्रीक टन चांवल ज्यादा खरीदने का आदेश दिया है तो पच्चीस लाख टन धान ज्यादा खरीद सकते हैं एैसा करने पर प्रति एकड़ 20 क्ंिवटल धान लिया जाना ही किसानों के साथ न्याय होगा।
मोदी सरकार के किसान बिल की पहली झलक है इसीलिए कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल किसानों को बरगला रहे हैं क्यों कि उन्नति का रास्ता देखने के बाद किसान वोट बैंक विपक्षी पार्टियों को टाटा-बाय बाय कर देंगे जिन किसानों को प्रथम हरित क्रांति के समय आज से पचास साल पहले जो अधिकार मिलना था वो आज मोदी जी सरकार में मिलने जा रहा है। किसान बिल के प्रावधान में विपक्षी पार्टियां बहुत अड़ेंगे लगायेगी ताकि किसान परेशान हो इस बिल की सफलता में ही हम सभी का भला होने वाला है।