Home छत्तीसगढ़ वन अधिकारों की मान्यता देने में अग्रणी रहा छत्तीसगढ़

वन अधिकारों की मान्यता देने में अग्रणी रहा छत्तीसगढ़

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राज्य में 4.41 लाख से अधिक व्यक्तिगत और 46 हजार से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्रों का वितरण

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में अब तक के अंत तक 4 लाख 41 हजार से अधिक व्यक्तिगत और 46 हजार से अधिक सामुदायिक वनाधिकार का प्रदाय अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनवासियों को किया गया है। इस प्रकार व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकारों में कुल 51 लाख 06 हजार एकड़ से अधिक व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकारों को स्थानीय समुदायों को वितरण किया गया है। राज्य में प्रति व्यक्ति वन अधिकार पत्र धारक को औसतन 1 हेक्टेयर वनभूमि पर मान्यता प्रदान की गई है, जो तुलनात्मक रूप से देश में बेहतर स्थिति है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151 जयंती 2 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के लगभग 13 सौ सामुदायिक वन संसाधन संरक्षण अधिकार पत्रों का वितरण किया गया। राज्य में सामुदायिक वन संसाधन अधिकारों को ग्राम सभाओं को प्रदाय किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में वितरित किए गए 4 लाख 41 हजार से अधिक व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों का रकबा 9 लाख 41 हजार 800 एकड़ से अधिक है। इसी प्रकार 46 हजार से अधिक सामुदायिक वन अधिकार पत्रों का रकबा 41 लाख 64 हजार 700 एकड़ से अधिक है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पहली बार राज्य सरकार द्वारा जनवरी 2019 के बाद सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के 23 प्रकरण के अंतर्गत 26 हजार हेक्टेयर वन भूमि पर ग्राम सभाओं को प्रबंधन के अधिकार की मान्यता प्रदाय की गई है। व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता प्राप्त हितग्राहियों को केवन वन अधिकार पत्र ही नहीं सौपे गए बल्कि उनकी मान्य वन भूमि पर शासकीय योजनाओं के कन्वर्जेंस से सिचिाई सुविधा, खाद-बीज, कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक एक लाख 49 हजार 762 हितग्राही भूमि समतलीकरण एवं मेढ़ बंधान कार्य से लाभान्वित हुए है।

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