दंतेवाड़ा । सुरक्षा बलों के जंगल में भीतर तक पहुंचने से नक्सली बौखला गए हैं। जवानों को रोकने के लिए नक्सली ग्रामीणों की हत्या के बाद उनके रास्तों पर आइइडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) लगा रहे हैं। इन्हीं रास्तों का उपयोग जवान भी सर्चिंग में करते हैं। पहले मुख्य सड़कों पर बम लगाकर फोर्स को नुकसान पहुंचाते थे लेकिन अब पगडंडी और खेत के मेड़ों में बम लगाने से ग्रामीण भी चपेट में आ रहे हैं। दक्षिण बस्तर में नक्सलियों की रणनीतियों को फोर्स समझने लगी है तो फोर्स को नुकसान पहुंचाने नक्सली अलग-अलग तरीके अपना हैं। पहले मुख्य सड़कों पर आइइडी लगाते थे। अब पगडंडियों पर लगा रहे हैं। चूंकि जवान सर्चिंग पर निकलने के दौरान मुख्य सड़क की बजाए किनारे या खेत व पगडंडी का इस्तेमाल करते हैं इसलिए उन्हें नुक्सान पहुंचाने यह तरीका नक्सलियों ने चुना है। नक्सलियों की इस हरकत से ग्रामीणों के लिए जोखिम बढ़ गया है।
चार दिन पहले जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र के टेटम इलाके में पगडंडी में लगाए बम की चपेट में आकर बुजुर्ग दंपति घायल हो गए थे। बुजुर्ग महिला का जिला हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। कुछ साल पहले कुआकोंडा ब्लाक और अरनपुर थाना क्षेत्र में भी एक ग्रामीण महिला और मवेशी बम के चपेट में आकर घायल हो चुके हैं।
समर्पण नीति बन रही नक्सलियों के लिए घातक
राज्य सरकार के साथ स्थानीय पुलिस की समर्पण व पुनर्वास की नीति नक्सलियों के घातक बन रही है। दंतेवाड़ा पुलिस के लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान से भटके नक्सली घर लौट रहे हैं। वे समर्पण कर पुलिस में भर्ती हो रहे हैं या घर पर रहकर जनहित व विकास कार्यों में जुट गए हैं। ऐसे में नक्सली संगठन कमजोर हो रहा। इसलिए वे निर्दोष ग्रामीणों की हत्या करने के साथ अब पगडंडी और खेत के मेड़ों पर बम लगा रहे हैं।
ग्रामीण और समर्पित नक्सली दे रहे इनपुट
बस्तर में पुलिस विश्वास, विकास और सुरक्षा के सूत्र वाक्य से साथ काम कर रही है। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) की टीम में स्थानीय लड़ाके शामिल हैं, जो स्थानीय बोली-भाषा के साथ भौगोलिक परिस्थितियों को जानते हैं। वहीं महिला कमांडो गांव में महिलाओं के साथ जल्दी घुल-मिल जाती हैं। उनकी जरूरतों को प्रशासन के साथ मिलकर फोर्स पूरा करती है। गांव में सड़क, पानी, बिजली, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इसका लाभ फोर्स को मिल रहा है। ग्रामीण और समर्पित नक्सली फोर्स को अब दुश्मन नहीं दोस्त समझने लगे हैं। यही वजह है कि अब नक्सलियों के बम और रणनीतियों के बारे में फोर्स को खबर मिल रही है। हाल ही में समर्पित नक्सलियों की निशानदेही पर कटेकल्याण इलाके से कई बम बरामद कर महिला कमांडो ने डिफ्यूज किया है।
– पुलिस लोगों के करीब पहुंच रही है। जनता का विश्वास पुलिस में बढ़ने और फोर्स के अंदर तक पहुंचने से नक्सली बौखला गए हैं। फोर्स को नुकसान पहुंचाने अब पगडंडियों में भी बम लगा रहे हैं। इससे मवेशी और ग्रामीणों को नुकसान हो रहा है। एक बुजुर्ग दंपति पगडंडी में लगे बम से घायल होकर हॉस्पिटल में भर्ती हैं। – डॉ. अभिषेक पल्लव, एसपी, दंतेवाड़ा