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सरकारी बैंकों में दूसरे दिन भी हड़ताल, सेवाओं पर पड़ सकता है असर

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AHMEDABAD, MAR 15 (UNI):- Employees of public sector banks shout slogans during a protest against the privatization of their banks by the government, in Ahmedabad on Monday. UNI PHOTO-57U

नई दिल्ली। सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में दूसरे दिन भी हड़ताल रही। बैंकों की 9 कर्मचारी और अधिकारी यूनियनों के संयुक्त मंच ने 2 दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।

सरकारी बैंकों में हड़ताल से ग्राहकों को नकदी निकालने, धन जमा करने, चेक क्लीयरेंस और प्रेषण सेवाओं में परेशानी हो सकती है। 9 बैंक यूनियनों के संयुक्त मंच ‘यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू)’ ने 15 और 16 मार्च को बैंकों में हड़ताल का आह्वान किया है। इन यूनियनों ने सोमवार को कहा कि बैंकों के करीब 10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे। उन्होंने अपनी हड़ताल को सफल बताया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट भाषण में 2 सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है। सरकार इससे पहले आईडीबीआई बैंक का निजीकरण कर चुकी है। बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी एलआईसी को बेची गई। इसके अलावा 14 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय भी किया गया है।आल इंडिया बैंक एम्पलायीज एसोसियेशन के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने कहा, हड़ताल के आह्वान पर बैंकों के कर्मचारी और अधिकारियों ने हड़ताल में भाग लिया। उन्होंने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया। हड़ताल के कारण सामान्य बैंकिंग सेवायें प्रभावित रहीं।

राहुल गांधी का आरोप : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ‘सांठगांठ वाले पूंजीपतियों’ (क्रोनी) के हाथों में बेचना देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता होगा।उन्होंने हड़ताल करने वाले बैंक कर्मचारियों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए यह दावा भी किया कि सरकार ‘लाभ का निजीकरण’ और ‘नुकसान का राष्ट्रीयकरण’ कर रही है।


क्या बोले मंत्री जावड़ेकर : केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का निजीकरण नहीं किया जा रहा है तथा बैंकों के संदर्भ में अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। जावड़ेकर ने शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के प्रश्न के उत्तर में यह बात कही।

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