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जिले में पीएम आवास योजना फ्लाप

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चालू वित्त वर्ष में जिले में नहीं बना किसी हितग्राही का आशियाना
राजनांदगांव(दावा)।
गरीब तबके के लोगों को पक्का मकान मुहैय्य कराने केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना पूरी तरह फ्लाप साबित हो रही है। इस योजना में प्रदेश सहित जिले में साल भर से ग्रहण लगा हुआ है। हैरत की बात है कि चालू वित्त वर्ष में जिले में हजारों की संख्या में आवास बनाने का लक्ष्य मिलने के बावजूद एक भी आवास का निर्माण नहीं हो पाया है। दरअसल पूरा मामला आबंटन से जुड़ा हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा राशि जारी किए जाने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा आबंटन नहीं किए जाने से इस योजना की छत्तीसगढ़ सहित राजनांदगांव जिले में दुर्गति हो रही है। पक्के मकान का सपना संजोए गरीब हितग्राहियों को सरकार का मुंह ताकना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) इस साल बुरी तरह फ्लॉप होती नजर आ रही है। इस साल प्रदेश सहित जिले में पक्का मकान बनाने की संख्या शून्य रही है। ऐसे में सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा हितग्राहियों को 60 प्रतिशत राशि और राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत राशि का आबंटन किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में यदि जिले के छुरिया विकासखंड की बात करें तो यहां कुल ८50 आवास बनाने का लक्ष्य मिला हुआ था, किंतु राशि के अभाव में इस अवधि में एक भी आवास का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। आबंटन नहीं मिलने से हितग्राहियों को एक भी किश्त की राशि भी नहीं मिल पाई, जिससे न तो नींव की खुदाई का काम शुरू हो सका और न ही बात आगे बढ़ी।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत प्राप्त लक्ष्य के हिसाब से राज्य सरकार को करीब 1600 करोड़ रूपए का आबंटन जारी किया जाना है, किंतु राशि जारी नहीं किए जाने के कारण पक्के आवास की उम्मीद लगाए हितग्राहियों का सपना साकार नहीं हो पा रहा है। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने पूरे देश में 31 मार्च 2022 तक 2.47 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 1.21 करोड़ घर मार्च 2019 से मार्च 2022 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। आंकड़ों के मुताबिक 13 राज्यों में 99 प्रतिशत घरों के निर्माण में देरी हुई है। इसका मतलब यह हुआ कि कुल 6.39 लाख घरों के निर्माण में देरी हुई है। प्रधानमंत्री ने साल 2014 में सभी को 2022 तक घर देने की घोषणा की थी। पीएमएवाई की वेबसाइट के मुताबिक, 2015 में इसके तहत 7.26 लाख घर, 2016 में 16.76 लाख, 2017 में 41.63, 2018 में 80.33 और 2019 में एक करोड़ से ज्यादा घरों के निर्माण के लिए मंजूरी दी गई।

इन्हें दिया जाना है योजना का लाभ
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग, महिलाएं किसी भी जाति या धर्म की, मध्यम वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और कम आय वाले लोग इस योजना के लाभार्थी हो सकते हैं। राजनांदगांव शहर सहित जिले में आज की स्थिति में हजारों की संख्या में लोगों ने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन दे रखे हैं, किंतु राज्य सरकार द्वारा निर्धारित अंशदान नहीं दिए जाने से पूरी योजना ही खटाई में पड़ गई है।

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