नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को करीब 13 लाख रेल कर्मचारियों को पत्र लिखा और कोरोना वायरस संकट के दौरान उनके काम के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
उन्होंने कहा कि पिछला साल कुछ ऐसा था जैसा पहले कभी नहीं देखा गया।उन्होंने कहा, ‘हमारे अपने नुकसान को कभी नहीं भुलाया जाएगा लेकिन यह रेल परिवार का धैर्य, दृढ़ निश्चय और संकल्प था जो अभूतपूर्व महामारी के दौर में विजयी साबित हुआ।‘
गोयल ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान ‘रेलवे परिवार’ ने अपने आप को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया। जब दुनिया ठहर गई तो रेलवकर्मियों ने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली और अर्थव्यवस्था के पहियों को चलाते रहने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर और कड़ी मेहनत की।
मंत्री ने कहा कि सभी की इस प्रतिबद्धता के कारण रेलवे आवश्यक वस्तुओं की अबाधित आपूर्ति सुनिश्चित कर पाई, चाहे वह बिजली संयंत्रों के लिए कोयला हो, किसानों के लिए उर्वरक या देशभर के उपभोक्ताओं के लिए अनाज हो।
गोयल ने कहा कि परिवारों को मिलाने के लिए 4,621 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई गई और 63 लाख से अधिक फंसे हुए लोगों को उनके घर पहुंचाया गया।
रेल मंत्री ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान पाबंदियों के कारण 370 बड़े सुरक्षा और बुनियादी ढांचे संबंधी कार्य पूरे किए गए। किसान रेल सेवाएं बड़े बाजारों के साथ हमारे ‘अन्नदाताओं’ को सीधे जोड़ने का जरिया बनी। आपने अपनी सेवा से इसे संभव कर दिखाया और लाखों की जिंदगियों और दिलों को छुआ।‘उन्होंने कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि रेलवे ने अपने असाधारण काम से अर्थव्यवस्था की बहाली की अगुवाई की।‘
गोयल ने कहा कि अब रेलवे यात्री-केंद्रित बन गई है और वह संचालनात्मक क्षमता के साथ ही अपनी गति सुधारने के लिए कई कदम उठा रही है।