रायपुर : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 12,897 करोड़ आर्थिक सहायता दी है। यह पिछले वित्तीय वर्ष (2019-20) के 7,888 करोड़ की तुलना में यह आंकड़ा पांच हजार करोड़ अधिक है। नाबार्ड ने यह मदद धान खरीदी से लेकर ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं जैसे कि ग्रामीण सड़के, सिंचाई और कोविड-19 के उपचार के लिए दी है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डा. डी. रवींद्र ने बताया कि ग्रामीण आधारभूत सुविधा विकास निधि (आरआइडीएफ) में अधिकांश राशि का उपयोग सौर सुजला के अंतर्गत 40 हजार सौर चलित पंपसेट्स और पीएम-कुसूम योजना के जिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ग्राम सडक योजनाके अंतर्गत ग्रामीण बसाहटों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए 239 ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए इसी निधि से सहायता राशि का उपयोग किया जाएगा। बीते खरीफ वर्ष में धान खरीदी के लिए भी सात हजार करोड़ की मदद दी गई है। राज्य में कृषि निवेश गतिविधियों जैसे डेयरी, मुर्गी पालन, मछली पालन, कृषि यांत्रिकीकरण, सिंचाई, कृषीत्तर क्षेत्रों आदि के लिए बैंकों को 837 करोड़ की वित्तीय सहायता दी गई है।
चार जिलों के स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते हुए डिजिटल
डा. रवींद्र ने बताया कि बस्तर, दंतेवाडा, रायगढ़ और कांकेर में 23,827 स्वयं सहायता समूहों के खातों को डिजिटाइज्ड किया जा चुका है। इन समूहों को ऋण दिलवाने के लिए 161 क्षमता निर्माण कार्यकमों और 645 ग्राम स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए गए।
कोरबा व बलौदाबाजार में दो ग्रामीण मार्ट और महासमुंद, बिलासपुर व बलौदाबाजार में तीन ग्रामीण हाट की स्थापना की जानी है। इसके लिए 93.66 लाख स्वीकृत की गई है।