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सरकार के 7 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने कही ये बातें, चुनौतियों पर क्या बोले

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कोरोना महामारी की कमजोर पड़ती दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ को संबोधित किया। (नीचे देखिए वीडियो) पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत देश के विजय के संकल्प के साथ की। उन्होंने हाल के दिनों में आए चक्रवाती तूफानों की चर्चा की। साथ ही कोरोना संकट की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले डॉक्टर्स और हेल्थ वर्कर्स का जिक्र भी किया। यह Mann Ki Baat का इस साल का चौथा संस्करण है। बकौल पीएम, अभी अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने फिर 2 बड़े cyclone ‘ताऊ-ते’ और पूर्वी coast पर cyclone यास। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।

पीएम मोदी ने कहा, इन 7 वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है। कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं। मुझे कितने ही देशवासियों के संदेश, उनके पत्र देश के कोने-कोने से मिलते हैं। कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है। कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गाँव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है।

पीएम मोदी ने कहा, विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में cyclone से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है। उसके लिए मैं आदरपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूं। केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी एक साथ मिलकर इस आपदा के सामने करने में जुटे हैं। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन टैंकर चलाने वाले दिनेश उपाध्याय से बात की। दिनेश उपाध्याय ने कहा, हमको बहुत तसल्ली आती है हमारे जीवन में कि हमने कोई अच्छा काम ज़रुर किया है जो मुझे ऐसा सेवा करने का अवसर मिला है। चाहे खाना मिले-चाहे न मिले, कुछ भी दिक्कत हो लेकिन हम हॉस्पिटल पहुँचते हैं जब टैंकर लेके और देखते हैं कि हॉस्पिटल वाले हम लोगों को Vका इशारा करते हैं, उनके family लोग जिसके घरवाले admit होते हैं।

कोरोना की शुरुआत में देश में सिर्फ एक ही testing lab थी, लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा labs काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ test एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज्यादा test एक दिन में हो रहे हैं।

कितने ही Frontline workers, sample collection के काम में लगे हुए हैं। संक्रमित मरीजों के बीच जाना, उनका sample लेना, ये कितनी सेवा का काम है।

आप सोचिए, हमारे देश में इतना बड़ा संकट आया, इसका ऐसे देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा। कृषि व्यवस्था ने खुद को इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा। सुरक्षित ही नहीं रख, बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी।

आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चला है।

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