नगर पंचायत से जताई असमर्थता, इफको की बोरी में मिला था आटा
छुरिया(दावा)। नगर पंचायत छुरिया में कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों को अध्यक्ष एवं पार्षद निधि से राहत सामग्री का वितरण किया जाना था, जिसमें इफको की बोरी में खुला आटा मिलने से नाराज विधायक ने नगर पंचायत के सीएमओ को कड़ी फटकार लगाई थी। इधर राहत सामग्री में गड़बड़ी की पोल खुलते ही सप्लायरकर्ता ने खाद्यान्न सामग्री वितरण करने से इनकार किया है और नगर पंचायत में मौखिक रूप से असमर्थता जताई है, जिससे खाद्यान्न सामग्री वितरण का मामला खटाई में पड़ता दिखाई दे रहा है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को नगर पंचायत छुरिया के 15 वार्डों में अध्यक्ष एवं पार्षद निधि से लगभग 13 लाख रूपये की राहत सामग्री का वितरण करने की पूर्ण तैयारी कर ली गई थी। बकायदा नगर पंचायत के अधिकारियों की देखरेख में वार्ड नं. 1 में ट्रैक्टर के माध्यम से राहत सामग्री वितरण के लिए भेज दिया गया था। खाद्यान्न सामग्री वितरण में शामिल होने पहुंची खुज्जी विधायक श्रीमती छन्नी साहू ने राहत सामग्री की गुणवत्ता एवं मात्रा का भौतिक निरीक्षण किया। जहां उन्होंने इफको की बोरी में खुला आटा देखकर तत्काल इस मामले को संज्ञान में लिया और वहां उपस्थित नगर पंचायत के सीमओ पर नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई और कहा कि राहत सामग्री में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। इस तरह आमजनों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना उचित नहीं है। उच्च क्वालिटी का पैकेट वाला आटा वितरण किया जावे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के एक जनप्रतिनिधि की गाड़ी से प्रशिक्षण भवन के पास इफको की बोरी में खुला आटा उतारते हुए देखा गया था। आशंका जताई जा रही है कि कही न कहीं नेताओं की मिलीभगत से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। जांच के बाद ही इसका खुलासा हो पायेगा।
प्रशिक्षण भवन से उठ गया आटा
इफको की बोरी में खुला आटा पाए जाने पर नगर पंचायत के अधिकारियों को ठेकेदार पर कार्यवाही करने की बजाय उस पर मेहरबान दिखे। जानकारी के अनुसार नगर पंचायत के बाजू प्रशिक्षण भवन में इफको की बोरी में रखे खुले आटे को कार्यवाही के डर से हटा दिया गया है। यह जांच का विषय है कि किसके आदेश पर आटें की बोरियां हटाई गई।
वर्क ऑर्डर मिलने के बाद सप्लायर ने किए हाथ खड़े
नगर पंचायत में राहत सामग्री के लिए टेण्डर जारी होते ही डोंगरगढ़ के एक फर्म को खाद्यान्न सामग्री वितरण करने का जिम्मा सौंपा गया था । जिसका वर्कऑर्डर ठेकेदार को जारी होते ही नगर पंचायत को वितरण करने ठेकेदार ने हेण्डओव्हर किया था। बकायदा नगर पंचायत के अधिकारियों द्वारा वार्डों में सामग्री वितरण करने के लिए जरूरतमंदों की सूची बना ली गई थी और वितरण करने तैयारियां भी पूरी हो कर ली गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गड़बड़ी की पोल खुलते ही सप्लायर ने भी नगर पंचायत के अधिकारियों के समक्ष मौखिक रूप से राहत सामग्री वितरण करने से हाथ खड़े कर दिया है।
बाजार मूल्य से अधिक है राहत सामग्री का कोटेशन
नगर पंचायत के वार्डों में जरूरतमंद लोगों को वितरण किया जाने वाला राहत सामग्री का कोटेशन बाजार से भी अधिक है। किराना दुकानों में चिल्हर बिकने वाले खाद्यान्न सामग्री की तुलना की जाए तो दोनों के बाजार भाव में काफी अंतर है। कोटेशन में नगर पंचायत के अधिकारी एवं सप्लायरकर्ता की मिलीभगत उजागर हो रही है।