Home छत्तीसगढ़ सीता, गीता और हीना ने सीएम को बताई योजनाओं की जमीनी हकीकत

सीता, गीता और हीना ने सीएम को बताई योजनाओं की जमीनी हकीकत

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रायपुर । छत्तीसगढ़ में शुरू हुई गोधन न्याय योजना की सफलता की कहानी सुनकर मुख्यमंत्री जहां गदगद हुए, वहीं सीता, गीता और हीना के आर्थिक स्वालंबन की कहानी सुनकर भावुक भी हो गए। छत्तीसगढ़ में लागू इस योजना से कैसे गरीबों के जीवन में बदलाव आ रहा है और कैसे लोग आगे बढ़ रहे हैं, इसकी बानगी सूरजपूर, कोरिया के विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में देखने को मिली।

सूरजपूर की सीता देवी ने गोठान से जुड़कर वर्मी कंपोस्ट निर्माण कर मुनाफा कमाने की न सिर्फ कहानी बताई, अपने इस मुनाफे के पीछे शासन की योजना को महत्वपूर्ण बताया। जब माइक से गीता ने सबके सामने बोला कि धन्य है मुख्यमंत्री जी, जो आपने गोठान के माध्यम से हम महिलाओं के हाथों में काम देकर हमारी गरीबी दूर की।

इसके लिए हम सभी गरीब महिलाए आपका तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं। इन शब्दों को सुनने वाले अधिकांश लोगों के हाथों से ताली बज उठी, वहीं मुख्यमंत्री भी भावुक हो गए और उन्होंने सीतादेवी को उनकी सफलता पर बधाई दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी आत्मनिर्भरता की राह में निरंतर आगे बढ़ें। आपने जो सफलता अर्जित की है, उसकी जानकारी देते हुए अन्य महिलाओं को अवश्य प्रेरित करें। सीता देवी ने बताया कि उनका समूह इंदिरा स्व सहायता गोठान में वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ खाद और पैकेजिंग से मुनाफा अर्जित कर रही हैं। 40 हजार रुपये की आमदनी के साथ 50 हजार रुपये की अतिरिक्त आय भी होने वाली है।

विश्रामपुर की गीता देवी ने बताया कि गौ पालन कर गोधन न्याय योजना का लाभ उठा रही है। गोबर बेचने के बाद जो पैसे मिले हैं, उससे गाय के शेड और अपनी बेटी को मेडिकल की पढ़ाई का फीस भी वहन की है। गीता देवी ने जब मुख्यमंत्री से कहा कि मैं चाहती हूं कि आगे भी योजना सफल रहे, ताकि हम जैसे लोगों को बेटी की पढ़ाई का फीस जमा करने में दि-त न हो।

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना बिल्कुल जारी रहेगी, आप लोग गोबर बेचते रहे। गोठान में खरीदी होगी और वर्मी कंपोस्ट बनेगा। लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री बघेल पिछले नौ दिन से प्रदेश के जिलों को विकास कार्यों की सौगात दे रहे हैं। आठ से 16 जून तक उन्होंने 18 जिलों में पांच हजार 230 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण भूमिपूजन किया है।

कोरिया के जय बजरंग स्व सहायता समूह की प्रतिभा बाई ने गोठान में वर्मी कंपोस्ट निर्माण कर 168 क्विंटल का विक्रय करने और 63 हजार नकद मिलने, 350 किलो केचुआं खाद बेचकर 52 हजार रुपये की आमदनी की जानकारी दी।

-दुर्गा स्व सहायता समूह की मंजू राजवाड़े ने ईंट निर्माण कर सवा लाख रुपये मिलने और वर्मी कंपोस्ट, कृषि उपकरण बनाने से हो रही आमदनी की बदौलत परिवार का खर्च आसानी से चलने की बता कही।

एकता स्व सहायता समूह पटना की हीना बेगम ने बताया कि लाकडाउन में तीन लाख रुपये का मास्क निर्माण किया। इससे डेढ़ लाख का शुद्ध मुनाफा हुआ। 12 लाख का ट्री गार्ड निर्माण करने पर तीन लाख की आमदनी हुई।

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