निमोनिया पीडि़त बच्ची को एक्स-रे के लिए घंटों करना पड़ा इंतजार, ओपीडी समय में ही एक्सरे, सीटी स्कैन व सोनोग्राफी की सुविधा से मरीज परेशान
राजनांदगांव(दावा)। स्टाफ व संसाधनों की कमी के बीच मंगलवार 10 अगस्त से पेण्ड्री स्थित मेडिकल कालेज हास्पिटल में मरीजों का इलाज शुरू हो गया है वही जिला चिकित्सालय बसंतपुर से मेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों सहित महंगे चिकित्सीय उपकरणों के शिफ्टिंग किये जाने से जिला चिकित्सालय में सुविधाओं के अभाव पड़ गया है। आलम यह है कि यहां इलाज कराने आने वाले मरीजों को भगवान भरोसे रहना पड़ रहा है। एक तो यहां डॉक्टरों की कमी तथा पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मचारियों का ना होना तथा अन्य ससाधनों की कमी जिला चिकित्सालय को खंडहर बना कर रख दिया है।
हाथ से काटी जा रही पर्ची
पेंड्री मेेडिकल कालेज हास्पिटल में जिला चिकित्सालय के सामान उठाकर ले जाने से ओपीडी में पर्ची काटने के लिए कम्प्यूटर तक नहीं रह गया है। कर्मी मरीजों को हाथ से पर्ची काटकर देना पड़ रहा है। इधर ब्लड टेस्ट की सुविधा मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कर दिये जाने से मरीजों की स्थिति दयनीय हो गई है। जिला अस्पताल प्रबंधन के पास सुरक्षा कर्मी तक नहीं है। सारे सुरक्षा कर्मी पेंड्री चले गये है। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में केवल एक ही डाक्टर है। एस.एन. सी.यू. में भी एक ही डाक्टर रह गये है। जिला अस्पताल में चर्म रोग के डाक्टर नहीं है। सबसे गंभीर समस्या यह है कि जिला अस्पताल प्रबंधन के पास नियमित रूप से रेडियो लाजिस्ट नहीं है। इस पद पर कार्यरत रेडियो लाजिस्ट का डीएमई के तहत ट्रांसफर हुआ है। जिला अस्पताल प्रबंधन के पास नेत्र विभाग मेें एक भी विशेषज्ञ डाक्टर नहीं है। मरीजों को आंखों की इलाज के लिए पेंड्री जाना पड़ेगा। इससे अनावश्यक समय खराब तो होगा ही शहर से 5 कि.मी. दूर पेण्ड्री जाने से पैसे भी व्यर्थ खर्च होंगे। बहरहाल जिला चिकित्सालय व पेंड्री में मेडिकल कालेज हास्पिटल संचालित होने व मेडिकल स्टाफ सहित संसाधनों के बंट जाने से मरीजों को इलाज के लिए काफी दिक्कते उठानी पड़ेगी।
एक्स-रे के लिए बच्ची को घंटों इंतजार
जिला चिकित्सालय के बच्चा वार्ड में भर्ती 8 महिने की बच्ची लवी को आज एक्सरे के लिए घंटो इतजार करना पड़़ा। निमोनिया पीडि़त बच्ची को मातृ-शिशु वाले 100 बिस्तर हास्पिटल में चौथे मंजिल पर रखा गया है। डाक्टर द्वारा उसका एक्सरे करवाया जाने के निर्देश पर बच्ची को लिफ्ट बंद होने के कारण चौथी मंजिल से पैदल चलकर नीचे लाना पड़ा व यहां आकर अस्वस्थ्य बच्ची के माता-पिता को एक्सरे के लिए घंटों इतजार करना पड़ा बताया जाता है कि सिविल सर्जन के निर्देशानुसार केवल ओपीडी के समय ही एक्सरे सोनोग्राफी व सीटी स्केन मशीन से कार्य लिए जा सकते है बाकी समय बंद रखे जाने के लिए कहा गया है। सो बच्ची को एक्सरे कराने घंटों इंतजार करना पड़ा। निर्देश के अनुसार ओपीडी टाइप के अलावा कोई भी इमरजेंसी में एक्सरे मशीन सीटी स्कैन मशीन व सोनोग्राफी मशीन संचालित नहीं होगी। उक्त सेवाए सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक तथा सायं 5 बजे से 7 बजे तक संचालित किये जाने के निर्देश है जबकि मेडिकल कालेज पेण्ड्री में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी रहेगी।
दोनों अस्पताल में पर्याप्त स्टाफ नहीं
हालांकि पेण्ड्री स्थित नवीन मेडिकल कालेज अस्पताल मरीजों की भर्ती के साथ अपने अस्तित्व में आ गया है वही जिला चिकित्सालय भी अपने आधे-अधूरे संसाधनों के साथ संचालित हो रहा है लेकिन दोनों अस्पताल के पास पर्याप्त स्टाफ है और न समुचित संसाधन है। इसके कारण दोनों अस्पताल को आवश्यक सुविधाओं के लिए एक दूसरे पर निर्भर रहना पड़ेगा। ज्ञात हो कि स्वास्थ्य सचिव के निर्देश के बाद डीएमई और डीएचएस की ओर से 10 अगस्त से अस्पताल को अलग-अलग जगहो पर संचालित करने का प्लान किया गया था इसके बाद लगातार शिफ्टिंग का कार्य जारी रहा। सामानों को पेंड्री मेडिकल कालेज हास्पिटल पहुंच जाने के बाद 10 अगस्त मंगलवार से वहां काम शुरू हो गया है। इधर अभावों के बीच झूल रहे जिला चिकित्सालय में मरीजों का आना कम नहीं हुआ है लेकिन एक्सपर्ट डाक्टर व पर्याप्त मेडिकल स्टाफ सहित अन्यान्य आवश्यक सुविधाएं नहीं होने से मरीजों को भगवान भरोसे रहना पड़ रहा है। यहां तक कि जिला अस्पताल में आने वाले गंभीर मरीजों को मेडिकल कालेज हास्पिटल पेण्ड्री मे ले जाने के लिए एम्बुलेश की व्यवस्था नहीं है यहां तक कि मरीजों को लाने ले जाने की कोई व्यवस्था के अलावा इस संबंध में बताने के लिए कोई जिम्मेदार व्यक्ति तक नहीं है। इससे गंभीर किस्म के मरीजों व उनके परिजनों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है।