जोंधरा (दावा)। धरती में ही समाते जा रही सडक़, कहीं नाले का नजारा, कहीं सिर्फ उखड़ी हुई गिट्टियां ही गिट्टियां और इस मार्ग में गुजरने वाले राहगीर के लिए यह मार्ग किसी माउंट एवरेस्ट की चोटी में चढऩे से कम नहीं है अगर किसी राहगीर की जिंदगी में अब तक किसी को सुनाने कोई कहानी नहीं बनी है तो वह जरूर इस मार्ग में गुंडरदेही से उमरवाही तक 12 किलोमीटर सफर जरूर कर ले। एक अमिट कहानी बन जायेगी।
विदित हो खुज्जी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत छुरिया विकासखंड में आने वाले ग्राम गुंडरदेही से उमरवाही मार्ग पिछले 7 माह पूर्व से ही जर्जर हो चुका था क्षेत्रीय ग्रामीण इस समस्या को लेकर समय-समय पर आवाज उठाते रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आने वाले इस मार्ग की मरम्मत समय पूर्व करवा ही दी जाए पर ना तो पीडब्ल्यूडी हरकत में आया और ना ही कोई जनप्रतिनिधि इस सडक़ समस्या को लेकर अपनी कोई सक्रियता दिखाई फलस्वरुप अभी सप्ताह भर पूर्व हुए बारिश में इस सडक़ को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है ग्राम उमरवाही के पूर्व उप सरपंच मुकेश भुवार्य ने प्रतिनिधि को बताया कि वह तीज पर्व पर अपनी बड़ी बहन को लेकर ग्राम उमरवाही आ रहे थे पानी भी गिर रहा था जिससे सडक़ पर बने सभी गड्ढों में पानी भरा था पर ग्राम बरबसपुर के समीप करीब 1 किलोमीटर तक नाले के रूप में सडक़ में ही पानी बह रहा था उन्हें पानी के कारण गड्ढे समझ नहीं आया और वह स्वयं उसी गड्ढे में बहन सहित धड़ाम से गिर पड़े । यह कहानी इस मार्ग में अकेले मुकेश भुवार्य की नहीं है कई राहगीर इस मार्ग में रोज जख्मी हो रहे हैं।
जोंधरा निवासी लिमेश कुमार सलामे ने दैनिक दावा प्रतिनिधि को बताया कि वह डोंगरगांव से प्रतिदिन अखबार लेकर मोटरसाइकिल में उमरवाही आना-जाना करते हैं, पर पूरे मार्ग में गड्ढों के कारण वह रोज कहीं ना कहीं एक बार गिरते ही हैं। क्षेत्रीय ग्रामीण एवं उमरवाही निवासी लक्ष्मीचंद जैन ने बताया कि गुंडरदेही से उमरवाही तक सडक़ समस्या हमारी बहुत पुरानी समस्या हो गई है। वर्तमान में उक्त मार्ग पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है। क्षेत्रीय ग्रामीणों द्वारा इसे प्रधानमंत्री सडक़ योजना में देकर सडक़ चौड़ीकरण सहित डामरीकरण की मांग करते रहे हैं पर आजादी के बाद इस मार्ग का गुंडरदेही से उमरवाही तक पूरा 12 किलोमीटर एक साथ डामरीकरण इसके निर्माण के समय ही किया गया था तब से इस मार्ग में टूट-फूट के ही रूप में काम होते रहा है।
दो जिलों को जोडऩे वाली है सडक़
उक्त मार्ग मात्र क्षेत्रीय ग्रामीणों के लिए ही महत्वपूर्ण है ऐसा नहीं है, अपितु डोंगरगांव से बालोद जिला को जोडऩे वाली एक मुख्य मार्ग भी है वर्तमान में इस मार्ग में राजनांदगांव से बालोद जिले के रेंगाडबरी, मनचुवा जाने जो सें चल रही हैं वह भी इसी मार्ग से ही होकर गुजरती है।