विद्युत यांत्रिकी विभाग में ईई नहीं होने से व्यवस्था पटरी से उतरी
राजनांदगांव (दावा)। जिला मुख्यालय के कौरिनभाठा स्थित विद्युत यांत्रिकी खंड लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में पूर्णकालिक कार्यपालन अभियंता नहीं होने से विभागीय कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। समय पर लोगों का काम भी नहीं हो पा रहा है, जिससे हितग्राहियों की परेशानी बढ़ गई है। आलम यह है कि रायपुर के अधिकारी को राजनांदगांव का प्रभार देकर शासन ने लोगों के लिए नई समस्या खड़ी कर दी है।
सूत्रों के अनुसार शहर के कौरिनभाठा स्थित विद्युत यांत्रिकी लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी खंड (वि/यां) खंड के पूर्णकालिक कार्यपालन अभियंता रहे रमेश कुमार शर्मा विगत तीस सितंबर को सेवा अवधि पूर्ण होने के उपरांत सेवानिवृत्ति हो गए। श्री शर्मा की जगह राज्य शासन द्वारा विद्युत यांत्रिकी उपखंड लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी विभाग रायपुर के कार्यपालन अभियंता ए.पी. टोप्पो को राजनांदगांव का अतिरिक्त प्रभार देकर कार्यपालन अभियंता पद पर पदस्थ किया गया है। हैरत की बात यह है कि श्री टोप्पो पहले से ही पांच जिलों का प्रभार संभाल रहे हैं। उस पर उन्हें राजनांदगांव का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है। आवश्यकता से अधिक प्रभार मिलने और कार्यस्थल की दूरी अधिक होने के कारण श्री टोप्पो अपने प्रभार वाले किसी भी जगह के कार्यालय को पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं। उनके समक्ष स्थिति ऐसी है कि क्या करें और क्या नहीं?
विभागीय सूत्र बताते हैं कि एक संभागीय खंड में पांच जिले आते हैं। श्री टोप्पो मूल रूप से रायपुर में पीएचई के प्रभारी हैं, किंतु उनके पास रायपुर सहित खंड में आने वाले पांच जिलों का प्रभार पहले से ही है। इसी तरह राजनांदगांव पीएचई (वि./यां) खंड में राजनांदगांव, कवर्धा, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद जिले आते हैं, जहां के सभी कामकाज को उन्हें अकेले ही देखना होता है। चूंकि श्री टोप्पो के प्रभार वाले स्थान अलग-अलग जगहों पर होने के साथ ही दूरी भी अधिक है, ऐसे में दूरी तय करने में समय लगना लाजिमी है। इस तरह एक ही अधिकारी को पांच की जगह दस जिलों के कार्य और व्यवस्था की उम्मीद करना बेमानी होगी। राजनांदगांव की बात करें तो श्री टोप्पो आठ से दस दिनों में सिर्फ एक दिन और वह भी दो-तीन घंटे का ही समय अपने दफ्तर में दे पाते हैं, ऐसे में विभागीय कामकाज के बेहतर व समय पर होने की अपेक्षा नहीं की जा सकती। पूर्णकालिक अधिकारी नहीं होने से यहां के विभाग का पूरा कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। न तो फाइलों में हस्ताक्षर हो पा रहे हैं। आलम यह है कि आम जनता को भी अपनी जरूरत के कामकाज के लिए साहब के आने का इंतजार करने के साथ ही भटकना पड़ रहा है। बताया जाता है कि उच्चस्तरीय सेटिंग के तहत श्री टोप्पो को यहां का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। सूत्रों का कहना है कि एक ही अधिकारी को जरूरत से अधिक कामकाज का प्रभार दिया जाना न्यायसंगत नहीं है। यदि कार्यपालन अभियंताओं की विभाग में कमी है तो राज्य शासन को चाहिए कि नई भर्ती कर अथवा प्रमोशन देकर उस कमी को पूरी करे अथवा विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारियों को पुन: संविदा पर रखें, ताकि विभागीय कामकाज सुचारू और व्यवस्थित ढंग से संपादित हो सके।
कलेक्टर की टीएल मीटिंग भी अटैंड नहीं कर रहे प्रभारी ईई
सूत्रों के अनुसार कलेक्टोरेट में प्रति सप्ताह के मंगलवार को कलेक्टर द्वारा शहर सहित जिले के विभाग प्रमुखों और अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की जाती है। साथ ही सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर आदेश-निर्देश दिए जाते हैं, लेकिन विद्युत यांत्रिकी खंड लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में पूर्णकालिक ईई नहीं होने से टीएल मीटिंग अटैंड करने वाला कोई जिम्मेदार अफसर ही नहीं है। आलम यह है कि हर सप्ताह टीएल मीटिंग में जिले के तमाम विभाग प्रमुख तो हाजिर होते हैं, किंतु यही इकलौता विभाग है, जहां के ईई उसमें शामिल नहीं होते। स्थिति यह कि साप्ताहिक बैठक में विद्युत यांत्रिकी उपखंड लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी विभाग के ईई श्री टोप्पो का कभी कलेक्टर से सामना ही नहीं हो पाया है, जबकि कलेक्टर बार-बार यह आदेश देते हैं कि सभी अधिकारियों को जिला मुख्यालय में रहना अनिवार्य है, तो फिर यह आदेश विद्युत यांत्रिकी खंड लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के ईई पर लागू क्यों नहीं होता? कलेक्टर को चाहिए कि इस मामले को संज्ञान में लेकर कारगर कदम उठाएं ताकि लोगों को इस समस्या से निजात मिल सके।