राजनांदगांव (दावा)। राज्य सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का बहुप्रतीक्षित कार्य एक दिसंबर बुधवार से शुरू हो रहा है। धान खरीदी के सुचारू संचालन हेतु जिला प्रशासन द्वारा तमाम इंतजाम किए गए हैं। जिले के 148 केन्द्रों के माध्यम से धान की नगद और लिंकिंग में खरीदी एक दिसंबर से 31 जनवरी तक की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में धान की खरीदी को एक माह विलंब से शुरू किए जाने को लेकर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा सहित विभिन्न संगठनों एवं किसानों द्वारा काफी शोर-शराबा कर सरकार से एक नवंबर से धान की खरीदी शुरू कराने की मांग की जा रही थी, किंतु सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही। अब धान बेचने के पहले बारदाना को लेकर किसानों के सामने नई समस्या आ गई है। सरकार ने किसानों को प्रति बारदाना 18 रूपए देने का निर्णय लिया है, किंतु बाजार में बारदाना कारोबारियों द्वारा मौके का फायदा उठाकर एक बारदाना को 25 से 40 रूपए तक बेचे जाने की खबरें मिल रही हैं। इतना ही नहीं माह भर से अपने धान को समितियों में बेचने के इंतजार में बैइे किसानों को अपना टोकन लेने के लिए रतजगा भी करना पड़ा। आज भी कई समितियों में टोकन लेने के लिए किसानों की भीड़ देखी गई। बहरहाल जिला प्रशासन द्वारा धान खरीदी को लेकर तमाम तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
प्रति एकड़ 15 क्विंटल की होगी खरीदी
राज्य शासन द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इस साल भी किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की अधिकतम खरीदी की सीमा तय की गई है, जिसके अनुसार प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। किसानों को धान बेचने के दौरान धान को साफ-सुथरा और सुखाकर सही गुणवत्ता का धान लाने कहा गया है। साथ ऋण पुस्तिका में फोटो लगा होना अनिवार्य होगा। नंबरदार किसानों को स्व्य की ऋण पुस्तिका, बैंक पास बुक लेकर आना होगा। धान में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। सोसायटियों में बिक्री के लिए धान लाने के लिए सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक और खरीदी का समय सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक निर्धारित है। समितियों द्वारा जारी टोकन के आधार पर ही किसान अपने धान को बेच सकेंगे। धान खरीदी सोमवार से शुक्रवार तक छह दिनों में की जाएगी। अहम बात यह है कि धान बेचने के लिए समितियों में पहुंचने वाले किसानों को कोरोना संक्रमण के खतरा को देखते हुए मास्क लगाना अनिवार्य करने के आदेश दिए गए हैं।राज्य सरकार ने मोटा धान के लिए 1940 रूपए प्रति क्विंटल, पतला धान ए ग्रेड के लिए 1960 रूपए प्रति क्विंटल, सरना धान के लिए 1940 रूपए प्रति क्विंटल तय किया है। मक्का की भी खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी, जिसके लिए 1870 रूपए प्रति क्विंटल की दर तय की गई है।
इस साल नए नौ नए खरीदी केन्द्र
ज्ञात हो कि जिले में विगत वर्ष 139 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया गया था। इस वर्ष राज्य शासन द्वारा किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये राजनांदगांव जिले में 9 नवीन धान उपार्जन केन्द्र प्रांरभ किया गया है। इस प्रकार जिले में इस वर्ष कुल 148 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाएगा। कलेक्टर द्वारा जिले के सभी उपार्जन केन्द्रों हेतु जिला स्तरीय अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जा रहा है, जिनके द्वारा प्रत्येक उपार्जन केन्द्र की मानिटिरिंग की जाएगी एवं उपार्जन केन्द्र में आने वाली समस्याओं का त्वरित निराकरण कराया जाएगा।
धान खरीदी हेतु पर्याप्त बारदानें उपलब्ध
जिले में धान खरीदी हेतु बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जिले में नये जूट बारदाने 9 हजार गठान, पीडीएस बारदाने 3 हजार 100 गठान, मिलर से प्राप्त उपयोगी बारदाना 2 हजार 900 गठान प्राप्त किया जा चुका है। जिले को शासन से प्राप्त धान खरीदी के अनुमानित लक्ष्य के विरूद्ध आगामी एक से डेढ़ माह में धान की आवक के मान से बारदाना उपार्जन केन्द्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है। धान उपार्जन के लिए 50 प्रतिशत नये एवं 50 प्रतिशत पुराने बारदानों के अनुपात को शिथिल किया गया है। अब उपार्जन केन्द्रों में पहले दिन उपलब्ध बारदानों में ही धान की खरीदी की जाएगी तथा किसानों से आवश्यकतानुसार बारदाना लिया जाएगा।
राईस मिलर्स की हड़ताल समाप्त
ज्ञात हो कि प्रदेश में समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी के पूर्व सोसायटी कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा था। उसके बाद सोसायटियों में कार्यरत डाटा एंट्री आपरेटर्स भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। दोनों से सरकार की किसी तरह बात बनी तो आखिर में राइस मिलर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे थे, जिनकी सरकार से बात होने के बाद हड़ताल अब समाप्त हो गई है। राईस मिलर्स की हड़ताल समाप्त हो चुकी है और अब राईस मिलर्स द्वारा एक भरती पुराने बारदाने एवं एचडीपीई बारदाने समितियों में पंहुचाये जा रहे हैं एवं मिल पंजीयन की कार्रवाई पूर्ण कर धान का उठाव भी उपार्जन केन्द्रों से प्रारंभ कर दिया जाएगा।