छुईखदान पुलिस को मृत्यु पूर्व लिखे शिकायती पत्रों से हुआ पूरे मामले का खुलासा
राजनांदगांव (दावा)। खैरागढ़ के राजा एवं विधायक रहे देवव्रत सिंह के निधन के बाद उनके द्वारा छुईखदान पुलिस को चार माह पहले दिए गए शिकायती पत्र को लेकर अब नया बखेड़ा शुरू हो गया है। दरअसल स्व. श्री सिंह ने अपनी दूसरी पत्नी विभा सिंह पर पैतृक संपत्ति एवं कीमती जेवरातों को हड़पने सहित प्रताडि़त करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इस मामले में उन्होंने छुईखदान पुलिस से अपनी दूसरी पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की थी।
दरअसल इस पूरे मामले का खुलासा शनिवार को हुआ, जब पूरे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया में सात पेज की एक पीडीएफ फाइल तेजी से वायरल हुई, जिसमें स्व. देवव्रत सिंह द्वारा इस साल आठ अगस्त को छुईखदान थाने में लिखित शिकायती पत्र और उनकी पुत्री शताक्षी सिंह, पुत्र आर्यव्रत सिंह आदि के द्वारा 18 नवंबर 2021 को एसडीएम खैरागढ़ से लिखित में स्व. श्री सिंह के खैरागढ़ स्थित कमल विलास पैलेस में आधिपत्य संबधी किसी प्रकार के विवाद के बचाव हेतु मांग की गई थी। पूरे पत्रों का अवलोकन करने से साफ पता चलता है कि स्व. देवव्रत सिंह का अपनी दूसरी पत्नी विभा सिंह के साथ शादी के बाद से संबंध मधुर नहीं रहा और संपत्ति सहित तमाम कारणों से दोनों में अक्सर विवाद होते आ रहा था।
विभा सिंह पर कीमती जेवरात को हड़पने का आरोप
खैरागढ़ के राजा एवं विधायक रहे स्व. श्री देवव्रत सिंह द्वारा 8 अगस्त 2021 को छुईखदान थाना प्रभारी को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी विभा सिंह पर ग्राम उदयपुर में रखे पैतृक ज्वेलरी स्वर्ण रत्न जडि़त गले का हार दो नग, पायल दो नग, अंगूठी कान का झुमका करीब दो तोला को बिना जानकारी दिए ले जाकर लखनऊ हजरत गंज के आई.सी.आई.सी. बैंक शाखा लखनऊ उत्तरप्रदेश में गिरवी रखने एवं विक्रय करने का प्रयास की शिकायत की थी। आवेदन में स्व. श्री सिंह ने लिखा था कि उन्होंने अपने उदयपुर स्थित मकान में उक्त पैतृक आभूषण को दराज के लाकर में रखा था, जिसकी एक चाबी स्वयं के पास और दूसरी चाबी विभा सिंह के पास थी।
विभा सिंह मई 2021 में लखनऊ चली गई। दोनों के बीच पहले से ही पारिवारिक एवं संपत्ति तथा पैसे को लेकर विवाद होता रहा, इस कारण दोनों में बातचीत बंद थी। इस बीच विभा सिंह द्वारा अचानक स्टाफ के मैनेजर लक्ष्मण सोनटक्के के साथ बात कर उसके मोबाइल में वीडियो भेज कर कि उक्त आभूषण को लखनऊ के बैंक में गिरवी रखवा दी हूं। उस वीडियो को लक्ष्मण सोनटक्के द्वारा आवेदक यानि देवव्रत सिंह को दिखाया गया। उसके बाद श्री सिंह ने अपने स्टाफ के कर्मचरी नित्यशरण सिंह के साथ लाकर को सात अगस्त 2021 को खोलकर देखा तो दराज में उक्त आभूषण नहीं था।, जबकि विभा सिंह हमेशा आभूषण को लाकर में है बताती थी। वह उन आभूषणों को कब अपने साथ ले गई, इसका आवेदक को पता ही नहीं चला।
आवेदक स्व. श्री सिंह के शिकायती पत्र के अनुसार विभा सिंह ने दराज में सिर्फ कुछ नकली जेवर और दो सिक्के को ही छोड़ा था। विभा सिंह समाज एवं बहनों के बीच कई बार स्व. श्री सिंह पर उक्त आभूषणों को छीनने का आरोप लगा चुकी थी। इस तरह वह जानबूझकर लखनऊ में रहकर देवव्रत सिंह को संपत्ति एवं रूपए-पैसे के लिए प्रताडि़त करती रही। स्व. श्री सिंह ने पुलिस को दिए आवेदन में कहा था कि वह अपनी दूसरी पत्नी विभा सिंह की इन हरकतों से मानसिक रूप से परेशान है और भविष्य में वह आभूषण एवं संपत्ति के लिए कभी भी झूठा आरोप लगा सकती है, इसलिए पुलिस को सूचना दे रहा हूं। कृपया शिकायत दर्ज करें।
पुरूष पार्टनर रखने को लेकर विवाद गहराया
आवेदक स्व. देवव्रत सिंह द्वारा छुईखदान पुलिस को लिखे पत्र में उल्लेख है कि उनकी दूसरी पत्नी विभा सिंह दिल्ली मेें किराए के मकान में अपने पुरूष पार्टनर कासिफ खान को रखने लगी, जिस पर उन्होंने मना किया, तब विभा सिंह ने कहा कि कासिफ खान से मेरे २० साल पहले से संबंध है और मेरे पूर्व पति से तलाक के उपरांत काफी मदद किया है और मेरा पारिवारिक मित्र है। मैं उसे रखूंगी और आना-जाना करेगा, इन बातों के कारण विवाद और गहराते गया। आखिर में वह दिल्ली में रहूंगी कहकर वहीं रहने लगी और कुछ दिनों के बाद अप्रैल २०१८ में लखनऊ चली गई। उसके बाद देवव्रत सिंह अपने दोनों बच्चों को लेकर विभा सिंह को मनाने लखनऊ भी गए। उसे उन्होंने समझाने का प्रयास भी किया कि अपने दोनों बच्चों की परवरिश के लिए तुमसे विवाह किया हूं, इसलिए आप मेरे साथ उदयपुर में रहो, लेकिन वह तैयार नहीं हुई।
झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देने का आरोप
उक्त मामले के पहले स्व. श्री देवव्रत सिंह ने 13 जुलाई 2021 को चार पेज का एक और शिकायती पत्र छुईखदान थाना प्रभारी को लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी दूसरी पत्नी विभा सिंह पर फोन कर एवं सार्वजनिक रूप से गाली-गलौजकर रूपए की मांग कर झूठा मुकदमा में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया था।
श्री सिंह ने पत्र में लिखा था कि गाजियाबाद उत्तरप्रदेश निवासी विभा सिंह से 28 अप्रैल 2017 को दूसरा विवाह किया था। विवाह के छह माह तक वह ठीक रही। उसके बाद वह उदयपुर में नहीं रहूंगी। मुझे अपनी पुत्री दिव्यांशी सिंह जो उसके पूर्व पति से उत्पन्न संतान की पढ़ाई कराऊंगी कहकर लखनऊ चली गई। करीब तीन माह बाद वह अपनी पुत्री को लेकर आई और डेढ़ माह तक उदयपुर में रूकी। उसी बीच जनवरी 2018 में भोपाल एवं मुंबई अपने बच्चों के साथ जिसमें मेरी पूर्व पत्नी से उत्पन्न बच्चों के साथ गए। वहां विभा सिंह ने अपने किसी पुरूष मित्र लखनऊ निवासी कासिफ खान को ले जाने के लिए दबाव बनाने लगी, जिस पर आवेदक द्वारा मना किया गया, तब वह फिर गाली-गलौज पर उतर आई और बच्चों के सामने ही अश्लील हरकत करने लगी, तब विवाद बढ़ते देखकर सभी को लेकर वापस उदयपुर आ गए। यहां दो दिन रूकने के बाद विवाद कर दिल्ली चली गई। उसके बाद से वह दिल्ली में किराए के मकान में अपनी पुत्री के साथ तीन माह तक रही, जिसका पूरा खर्च आवेदक द्वारा वहन किया गया।