महापौर ने साबित किया कि कांग्रेस कई खेमो में बटी हुई है
राजनांदगांव।
नगर पालिका निगम राजनांदगांव के महापौर परिषद (एमआईसी) में महापौर द्वारा किए गए बदलाव को लेकर भाजपा ने तंज कसा है। नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने बयान जारी कर कहा कि, एमआईसी में बाजार विभाग के चेयरमेन पद से हालही में हटाई गईं कांग्रेस पार्षद श्रीमती सुनीता फड़नवीस निगम में ही अपने अधिकारों के लिए दो वर्ष तक लड़ाई लड़ती रहीं। अधिकारियों का दंभ और कांग्रेस द्वारा ही उन्हें उपेक्षित किए जाने की वे खिलाफत करती रहीं। दूसरी ओर उनके पति अशोक फड़नवीस की स्वास्थ्य मंत्री टीए सिंहदेव से नजदीकियां और मेल-मुलाकात का दौर शायद महापौर को रास नहीं आया। यही वजह दिखती है कि श्रीमती फड़नवीस को एमआईसी से हटाकर गर्त की ओर ढकेल दिया गया है।
श्री यदु ने कहा कि कांग्रेस कई खेमों में बटी हुई है ये साफ हो चुका है। एक – दूसरे को ढकेल कर राजनीति में अपना स्वार्थ सिद्ध करने की परंपरा कांग्रेस में बरकरार है। उन्होंने कहा कि, श्रीमती फड़नवीस को जब बाजार विभाग का चेयरमेन बनाया गया तो उन्होंने अपने अधिकारों को लेकर आवाज उठाई। दुकान आबंटन की फाईलों में उनके दस्तखत के बगैर आबंटन की सच्चाई उन्होंने सामने रखी। इसके साथ ही यह साफ हो गया था कि निगम में दुकानों के आबंटन में महापौर निजी दिलचस्पी ले रही हैं। और शायद उन्हें ऐसे चेयरमेन की जरुरत नहीं थी जो अपने अधिकारों और थोपे जाने वाले निर्णयों की खिलाफत करे। हालात यहां तक बिगड़े रहे कि श्रीमती सुनीता फड़नवीस ने बीते सामान्य सभा में हिस्सा न लेकर अप्रत्यक्ष रुप से निगम की कार्रवाई का बहिष्कार करते हुए इसे ढकोसला करार दे दिया था।
नेता प्रतिपक्ष यदु ने आगे कहा कि, कांग्रेस की प्रदेश सरकार में खेमेबाजी तो जग जाहिर है और अब इसका असर निगम की सत्ता में भी देखने को मिल रहा है। शहर के विकास और बेहतर प्रबंधन से दूर महापौर यहां काम करने वाले जनप्रतिनिधियों को महत्व देने के बजाए खेमे देखकर उन्हें जिम्मेदारियां सौंप रहीं हैं। चूंकि श्रीमती फड़नवीस के पति और पूर्व पार्षद अशोक फड़नवीस की सीएम भूपेश बघेल के विरोधी माने जाने वाले स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से नजदीकियां हैं तो उन्हें यहां निगम की सत्ता से भी दरकिनार करने की कोशिशें महापौर कर रहीं हैं। श्री यदु ने कहा कि यह निंदनीय है कि, नियमों के विपरित एमआईसी मेंबरों का इस्तेमाल किया जाए।