50 वर्षों से शहीदों को नमन कर रही अमर जवान ज्योति को बन्द करना शहादत का है अपमान
राजनांदगांव । सुभाष चन्द्र बोस की 125 वीं जयंती को आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत मना रही भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए जिला कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सैय्यद अफ़ज़ल ने उस पर शहीदों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि क्या ये बीजेपी सरकार बताएगी की इन्होंने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर कितने कॉलेज, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज या कोई अन्य बड़ी परियोजना बनाई है, क्या वो बताएगी की गत 15 अगस्त को उन्हें ये क्रांतिकारी बोस याद क्यों नही आये? सैय्यद अफ़ज़ल ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कहा कि बीजेपी जानती है कि 16 दिसम्बर 1938 को कांग्रेस अध्यक्ष रहते नेताजी ने एक प्रस्ताव पारित करके कांग्रेस के किसी भी सदस्य को हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग के सदस्य बनने पर पाबन्दी लगा दी थी, उन्होंने देशवासियों को संघ से इसलिए दूर रहने की अपील की थी, क्योंकि ये संगठन अंग्रेजों का मुखबिर था, बस इसी इतिहास को मिटा कर ये सरकार अपना बनाया नया झूठ का इतिहास देश पर थोप रही है, कांग्रेस पर शहीदों की अनदेखी करने का आरोप लगा कर ये देशवासियों की भावनाओं, संस्कृति व इतिहास से छेड़खानी कर रही है जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। ये खुद शहीदों का अपमान कर रहे हैं, 84 हजार सैनिकों की याद में बने इंडिया गेट पर 26 जनवरी 1972 से लगातार जल रही अमर जवान ज्योति को बुझा कर ये सरकार वीर शहीदों का अपमान कर रही है, उन्होंने कहा कि देश मे बीजेपी की कुनीतियों से बढ़ी महंगाई की इंतेहा देखिए कि अमर जवान ज्योति को प्रज्जवलित रखने में नाकाम मोदी सरकार को इसे नेशनल वॉर मैमोरियल में विलय करने को मजबूर होना पड़ा।
अफ़ज़ल ने आगे बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि शहीदो की बलिदान की निशानी मिटाने से, माफीवीरो की इतिहास में जगह नहीं बनेगी, वो हमेशा मुखबिर, माफिवीर और गद्दार ही कहलायेंगे, अमर जवान ज्योति की इस अखण्ड मशाल को बुझाना बीजेपी की कांग्रेस के प्रति नफरत की पराकाष्ठा है, क्योंकि इसे कांग्रेस ने प्रज्वल्लित किया था, “कांग्रेस नेता” ने बीजेपी पर इस बात को लेकर भी हमला बोला कि वो सुभाषचंद्र बोस को लेकर न सिर्फ नफरत भरी राजनीति कर रही है, बल्कि देशवासियों को गुमराह भी कर रही है, उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रधानमंत्री संसद बहुत कम जाते हैं, वरना उन्हें पता होता कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक भव्य प्रतिमा संसद भवन में प्रधान मंत्री कार्यालय के पास गेट नम्बर 5 और सेंट्रल हाल के बीच ही लगी हुई है, अगर वो ये सब देखते तो वो बोस की अनदेखी करने का आरोप कांग्रेस पर नही लगाते, लेकिन उन्हें इतिहास 2014 से शुरू करना है, क्योंकि 1947 के पहले उनके अपने विचार के इतिहास के पन्ने या तो कोरे हैं, या गंदले हैं, माफिविर बलिदान की कीमत क्या जानें। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाकर दो ज्योतियों को एक करने का औचित्य हर किसी की समझ से बाहर है, अगर शहीदों के सम्मान में दो अलग – अलग ज्योति जलती रहतीं तो मोदी सरकार को क्या परेशानी थी? 50 वर्षों से शहीदों को नमन कर रही अमर जवान ज्योति को बन्द करना शहादत का अपमान है, ऐसे कुकृत्य करना इतिहास बदलने का प्रयास है, परन्तु मोदी सरकार को ये समझ लेना चाहिए कि ऐसे प्रयासों से इतिहास नहीं बदलता बल्कि महान कार्य कर स्वर्णिम इतिहास बनाना पड़ता है, अमर जवान ज्योति पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले सैनिकों की स्मृति थी, इसको बन्द कर ‘मर्जर’ का नाम देना उस ज्योति की पवित्रता को कमतर करने का प्रयास है, बांग्लादेश युद्ध विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर ऐसा कृत्य करना घोर निंदनीय है।