Home समाचार दीमाग में टीबी के प्रवेश से बेहोश रही बालिका की हुई मौत?

दीमाग में टीबी के प्रवेश से बेहोश रही बालिका की हुई मौत?

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व्यथित पिता ने गलत इलाज व डाक्टरों पर लापरवाही का लगाया आरोप
राजनांदगांव(दावा)।
मेडिकल कालेज हास्पिटल, पेंड्री में विगत 15-20 दिनों से बेहोशी की हालत में भर्ती 17 वर्षीय बालिका की अचानक मौत हो गई। इससे उसके परिजन आक्रोशित होकर मेडिकल कालेज के डॉक्टरों पर गलत इलाज करने व लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। मेडिकल कालेज सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोहला-मानपुर जिले की आदिवासी 17 वर्षीय बालिका महिमा नेताम पिता बीरबल नेताम निवासी ग्राम ढोंढरी थाना खडग़ांव का मेडिकल कालेज हास्पिटल में भर्ती कराए जाने पर उसका इलाज जारी था। उक्त बालिका पिछले दो सप्ताह से बेहोशी की अवस्था में थी। उसे वेंटिलेटर में रखा गया था।

बताया जाता है कि उक्त बालिका टीवी की शिकार थी। टीवी उसके दीमाग में चढ़ गया था, जिससे उसकी मौत हो गई। आइसीयू के बेड क्रमांक 7 में डाक्टरों की देखरेख में इलाज करा रही बालिका महिमा की हालत सुधरने में लगभग 6 सप्ताह का समय लगना बताया जाता है। पिछले 15 दिनों से बेहोश रही बालिका को कृत्रिम आक्सीजन देकर उसके दीमाग के टीबी का इलाज किया जा रहा था। इसी बीच उसे पानी पिला दिये जाने की जानकारी सामने आई है। जिसे उसकी मौत का कारण बताया जा रहा है।

इधर महिमा के पिता बीरबल सिंह नेताम ने बताया कि कमर दर्द, सिर दर्द, पेट दर्द के चलते मोहला-मानपुर में पहले इलाज कराया, वहां ठीक नहीं होने पर उसे राजनांदगांव रिफर कर दिया गया। वहां उससे झटका आने की शिकायत बताया गया था। मेडिकल कालेज में आने पर यहां आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड जमा कराने के बाद भी टेस्ट आदि कराने व दवाईयों में लगभग 5 हजार रूपये खर्च हो गये। सभी परीक्षण कराने के पश्चात भी डाक्टरों द्वारा कोई बीमारी का होना नहीं बताया गया। उसकी पुत्री प्राय: बेहोशी की अवस्था में रही बीच-बीच में कुछ ठीक हो जाती थी, बोल चाल करती थी। बीरबल ने बताया कि पिछले पांच-छह दिनों से उसकी पुत्री का टीबी का इलाज किया जा रहा था। इस दौरान उसकी बच्ची का अचानक मौत हो जाना कई संदेहों को जन्म देता है। उसने यह भी बताया कि उसकी पुत्री रायपुर में रहकर पढ़ रही थी तब भी यही शिकायत उसे हुई थी। वहां के डाक्टरों से इलाज कराने के बाद वह ठीक हो गई थी। 31 अगस्त की रात उसके सिर, हाथ, पैर, पेट व कमर में दर्द होने के साथ तेज बुखार हुआ इसलिए उपचार हेतु मोहला-मानपुर में भर्ती कराया गया। जहां से उसे मेडिकल कालेज हास्पिटल-पेंड्री रिफर कर दिया गया। यहां समुचित इलाज के अभाव व डाक्टरों की लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई। पीडि़त पिता बीरबल ने जब तक उसकी बेटी की इलाज में हुई लापरवाही के संदर्भ में न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वे शव अपने घर नहीं ले जाने की बात कही है। इसकी समुचित व न्यायिक जांच के लिए कलेक्टर, एसपी के समक्ष उन्होंने गुहार लगाई है।

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