शव को स्कूटी में ले जाकर शिवनाथ नदी में फेंका
राजनांदगांव(दावा)। शहर में बीते दिनों शिवनाथ नदी में मार कर फेंक दिये गये युवक की हत्या का रहस्य पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने मोतीपुर (दीवानटोला) निवासी 22 वर्षीय मृतक आदित्य उर्फ गोविन्द पिता मनोज सौदागर की गोली मारकर हत्या करने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक आरोपी नाबालिग बताया जाता है। घटना के खुलासे के संबंध में एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि मृतक आदित्य उर्फ गोविन्द के घर मुख्य आरोपी रमेश उर्फ पिन्टू (खपट्टा) के भाई मुकेश का आना-जाना था जिस पर आदित्य द्वारा अपनी मां के साथ संबंध होने का शक किया जाता था। इस बात को लेकर आदित्य आरोपी रमेश उर्फ पिंटू (खपट्टा) को उसके साथी जावेद खान, दीप सिंह राजपूत व अपचारी बालक के सामने धमकी देता था कि तेरे भाई (मुकेश) को समझा देना कि वह मेरी मां से दूर रहे वरना जान से मार दूंगा…
धमकी से तंग आकर की हत्या
रोज-रोज की धमकी से तंग आकर आरोपी रमेश ने आदित्य उर्फ गोविन्द सौदागर को जान से मारने का मन बना लिया और अपनी बनाई गई हत्या की योजना में अपने उन साथियों को भी शामिल कर लिया।
सिर में मारी गोली
एसपी श्री ठाकुर ने बताया कि घटना की रात 23 सितम्बर को 10:45 बजे आदित्य उर्फ गोविन्दा को योजना के मुताबिक बख्तावर चाल गली नं. 1 में ले गया जहां रमेश उर्फ पिंटू (खपट्टा) ने उसके सिर में गोली मार दिया। फिर खपट्टा व जावेद खान दोनोंं मिलकर मृतक आदित्य के शव को दीप सिंह राजपूत की स्कूटी में ले जाकर मोहारा मेला स्थल के समीप शिवनाथ नदी में फेंक दिया। इधर घटना स्थल पर गिरे खून को आरोपी दीप सिंह राजपूत व अपचारी बालक ने पानी डालकर साफ कर नाली में बहा दिया। बताया जाता है कि आदित्य उर्फ गोविन्द हत्याकांड के मुख्य आरोपी रमेश साहू उर्फ पिंटू (खपट्टा) पूर्व में कई आपराधिक घटना में शामिल था जिसके पूर्व से ही आपराधिक रिकार्ड है।
संदेह के आधार पर पूछताछ
बता दे कि शिवनाथ नदी में शव मिलने की घटना को लेकर आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी घटना के संबंध में मृतक आदित्य के परिजन लक्ष्मीनारायण पिता दीपक सौदागर ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बसंतपुर थाना प्रभारी सी.आर. चन्द्रा ने बताया था कि उक्त मामले में धारा 302, 201, 34, 120 (बी) व 25, 27 आम्र्स एक्ट पंजीबद्ध कर आरोपियों की पतासाजी शुरू कर दी थी। उन्होंने इस लोमहर्षक घटना के संबंध में अपने आला अधिकारियों को सूचना दी थी तत्पश्चात एसपी श्री ठाकुर के निर्देशन में ए.एस.पी. संजय महादेव व तत्कालीन सीएसपी गौरव राय व वर्तमान सीएसपी अमित पटेल के पर्यवेक्षण में ओपी चिखली एवं सायबर सेल की संयुक्त टीम गठित कर आरोपियों के धर-पकड़ में पुलिस जुट गई। पुलिस द्वारा संबंधित क्षेत्र के सी.सी.टीवी कैमरों के फुटेज को खंगाले जाने उपरांत पाया कि घटना की रात स्कूटी में तीन सवार मोहारा क्षेत्र की ओर जा रहे है, जिसमें बीच में बैठे सवार का पैर जमीन में घिसट रहा है। इधर मुखबीर ने भी सूचना दी कि मृतक को घटना दिनांक को आरोपियों के साथ घूमते देखा गया है। अत: संदेह के आधार पर पुलिस ने आरोपियों के घर जाकर पता किये किन्तु उनके नहीं मिलने पर संदेह और भी गहरा गया। इसी आधार पर घटना के अन्य आरोपी दीप सिंह राजपूत को पुलिस ने हिरासत में लिया और पुछताछ किये जाने पर गोल-मोल जवाब दिया क्लू मिलते ही अंतत: मुख्य आरोपी रमेश उर्फ खपट्टा एवं जावेद धरदबोच लिए गये। जिन लोगों के साथ अपचारी बालक ने भी अपराध कबूल लिया।
आरोपियों से पिस्तौल बरामद
पुलिस ने आरोपियों की निशान देही पर घटना में प्रयुक्त पिस्तौल व 5 नग जिन्दा कारतूस तथा 1 नग खाली खोखा तथा लाश को ठिकाने लगाने में प्रयुक्त स्कूटी भी बरामद कर लिया गया। बताया जाता है कि उक्त पिस्तौल स्व. परवेज के द्वारा आरोपी को मिली थी। बताया जाता है कि शव को स्कूटी में ले जाते समय उसके पैर जमीन में घिसटने के चलते पैर के 4 अंगूली के नाखून पूरी तरह घिसकर निकल गया था। तथा उसके बाए पैर का जूता घिस गया था। माथे व सिर के पीछे भाग में चोट के निशान थे जिससे प्रथम दृष्टया मृतक की हत्या कर अन्य जगह से लाकर नदी के पानी में फेंकना प्रतीत हो रहा था। बहरहाल पुलिस द्वारा चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के पश्चात आज न्यायालय में उन्हें पेश किया जाएगा। जहां से उन्हें रिमांड पर जेल की सीखचों के पीछे भेज दिया जाएगा।