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डोंगरगढ़ में अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट पीस कार्यक्रम धूमधाम से मनी

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रविंद्र रामटेके ने कहा – विश्व में बुद्ध ही एक ऐसे महात्मा है, जिन्होंने दुखों के मार्ग से मुक्ति पाकर लोगों का मार्गदर्शन किया

राजनांदगांव(दावा)। सामाजिक कार्यकर्ता रविंद्र रामटेके ने कहा कि डोंगरगढ़ नगर के प्रज्ञागिरी तीर्थ स्थल में प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति व मलिक फाउंडेशन के सयुक्त तत्वाधान में 66वां धम्म चक्र परिवर्तन दिवस के अवसर पर अंतराष्ट्रीय बुद्धिस्ट पीस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में थाईलैंड, जापान, कंबोडिया, वियतनाम, जर्मनी सहित अन्य देशों से धम्मगुरु व उपासक उपासिकाएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम तथागत गौतम बुद्ध व बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के छाया चित्र पर मोमबत्ती जलाकर माल्यार्पण किया गया। ततपश्चात धम्मगुरुओं द्वारा सामुहिक वंदना ली गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम ने बुद्ध व भीम गीतों से समा बांधे रखा। जिससे लोगों में उत्सुकता बनी रही। कार्यक्रम को धम्मगुरुओं ने संबोधित किया। जिसमें उन्होंने भगवान बुद्ध के धम्म को लोगों को विस्तार से समझाया और बताया कि पूरे विश्व मे बुद्ध ही एक ऐसे महात्मा है जिन्होंने दुखों के मार्ग से मुक्ति पाकर लोगों का मार्गदर्शन किया और बताया की बुद्ध के मार्ग में करुणा, मैत्री है जो बहुत ही सरल व सहज है। जिससे आपको अपने जीवन की सही राह दिखेगी। बुद्ध एक प्रकाश है जिससे आपके जीवन में रोशनी होगी। श्री रामटेके ने आगे कहा कि मलिक फाउंडेशन के संस्थापक, अभिनेता, गगन मलिक ने भी संबोधित किया तथा बताया कि उन्होंने बुद्ध के जीवन पर बनी फिल्म में बुद्ध का रोलप्ले किया था। जिससे वे काफी प्रभावित हुए और बुद्ध को पढ़ा और उनके मार्ग को समझा। उसके बाद उन्होंने थाईलैंड में जाकर बुद्ध धम्म लिया और 99 दिन भिक्षु बनकर जीवन बिताया। जिससे उनका जीवन पूर्ण रूप से बदल गया और उन्होंने बुद्ध के मार्ग को पूरे तन मन से चुन लिया।
उन्होंने सर्वप्रथम थाईलैंड से प्रचार-प्रसार चालू की और कई देशों में जाकर बुद्ध धम्म का प्रचार किया। उसके बाद भारत देश में प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य बुद्ध के विचारों को घर-घर पहुंचाने का है ताकि बुद्ध को लोग जान सके और उनके विचारों से ओत-प्रोत हो सके। बुद्ध का मार्ग ही एक ऐसा मार्ग है जहां पर चिंतन-मनन करने की आवश्यकता नहीं होती है। व्यक्ति अपने आप में ही शुद्ध हो जाता है और उसके विचार भी शुद्ध हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में आकर वे बहुत प्रसन्न है। क्योंकि प्रज्ञागिरी एक ऐसा केंद्र है जहां से बुद्ध के धम्म का प्रचार-प्रसार तेजी से हो सकता है और यह प्राकृतिक रूप से भी सुंदर है। कार्यक्रम को केंद्रित ट्रस्ट के अध्यक्ष विनय खांडेकर ने भी संबोधित किया।
उन्होंने बताया कि प्रज्ञागिरी ट्रस्ट समिति लगातार प्रज्ञागिरी के विकास के लिए प्रयासरत है। यहां पर केंद्र सरकार की प्रसाद योजना के तहत विभिन्न भवनों का निर्माण हो रहा है। जिसमें कैफेटेरिया, मेडिटेशन हॉल सहित दर्जनों कार्य हो रहे हैं। आने वाले दिनों में विदेशी पर्यटकों के लिए प्रज्ञागिरी विशेष बन जाएगी और देश विदेशों से पर्यटको का आना-जाना लगा रहेगा। कार्यक्रम में तथागत गौतम बुद्ध की अष्टधातु से बनी 200 प्रतिमाओं का वितरण भी किया गया। प्रज्ञागिरि ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद खांडेकर एवं गगन मलिक फिल्म अभिनेता ने छत्तीसगढ़ से आए बौद्ध उपासक जिन्होंने प्रज्ञागिरि के विकास में सहयोग दिया। उनका थाइलैंड से प्राप्त मूर्ति भेंट लेकर सम्मानित किया। ततपश्चात समापन की घोषणा प्रज्ञागिरी ट्रस्ट के सचिव शैलेंद्र डोंगरे ने की तथा विदेश से आए व भारत के अन्य राज्यों से आए हुए उपासक उपासिकों एवं धर्म गुरुओं का आभार प्रकट किया।

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