रायुपर(दावा)। श्री मेडिशाइन हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सुशील शर्मा, न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि आस-पास के क्षेत्रो मे, हड्डी रोग व ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विशेषज्ञ के रूप में ख्याति प्राप्त हैं। हड्डी से संबधित रोगो के इलाज में, इन्हे दक्षता प्राप्त है। मेडिशाइन हास्पिटल में रोज, काफी संख्या मे, मरीज अपने हड्डी रोग संबंधी इलाज के लिये आते है। ऐसी ही एक मरीज श्रीमती अर्पिता दिवाकर उम्र 42 वर्ष कुछ दिनों पहले व्हील चेयर पर डॉ. सुशील शर्मा क पास आई। पिछले 1 वर्ष से उसे घुटनों एवं कन्धे की जोड़ में काफी तेज दर्द की समस्या थी, जिससे वह अपनी रोज की लाईगड़ ब्लाक में छिर्रा गांव के शासकीय प्रायमरी स्कूल में टीचर की नौकरी करने में भी उन्हे काफी परेशानी हो रही थी। ब्लेक बोर्ड में लिखने, खाना बनाने, बर्तन धोने, नहाने, चलने-फिरने, स्कूटी चलाने, बस यात्रा जैसे रोज के कार्यो मे उन्हे समस्या बहुत होने लगी थी और जब स्कूल में लंगड़ाते हुये चलती थी तो स्कूल के बच्चे लोग देखकर मुझे चिढ़ाते रहते थे, जिससे अर्पिता को डिप्रेशन का सामना करना पडा़। अर्पिता ने बतलाया कि पिछले एक वर्ष से वे गांवो में व रायपुर में भी इलाज करवाती थी, लेकिन किसी भी डाक्टर ने उन्हे, अर्थराइरिस होने की जानकारी नहीं दी। इसी के कारण उनका रोग बढ़ता गया, अपने एक सहेली की सलाह पर वह, डॉ. सुशील शर्मा के पास इलाज के लिये आई, डॉ. सुशील शर्मा ने, उनकी जाँच के बाद बतलाया कि उन्हे घुटनो मे अर्थराइटिस का रोग है, जिसे ठीक करने, आपरेशन करना होगा। डॉ. शर्मा ने चार दिनों पहले, उनका घुटने व कंधे को कम्प्युटर नेविगेशन मशीन की मदद से रिवर्स सोल्डर आर्थोप्लास्टी (कन्धे के जोड़ो का प्रत्यारोपण की) नविनतम तकनिक से ज्वाईंट रिप्लेसमेंट किया जो सफल रहा अब वे स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो गई है। पूरे इलाज व आपरेशन से श्रीमती अर्पिता काफी संतुष्ट व खुश है। और अपने दैनिक में फिर से वापस लौट आयी तथा आपरेशन के दिन ही चलना शुरू कर दी, उनका यही कहना है कि यदि व डॉ. शर्मा के पास मेडिशाइन हॉस्पिटल पहले ही आ जाती तो, उन्हे अपनी लम्बी बीमारी से बहुत पहले ही छुटकारा मिल सकता था। उनकी एक समस्या यह भी रही कि सरकारी नौकरी मे, इलाज के लिये ज्यादा छुट्टियां नही मिल पाती थी