Home समाचार लापरवाहीपूर्वक इलाज को लेकर जिला अस्पताल की मुख्यमंत्री से हुई शिकायत

लापरवाहीपूर्वक इलाज को लेकर जिला अस्पताल की मुख्यमंत्री से हुई शिकायत

85
0

धान कटाई के बाद किसान पैरा का दान गौठानों में करें : बघेल
० अर्जुनीवासियों को महाविद्यालय की सौगात मिली
डोंगरगांव(दावा)।
अंचल के ग्राम अर्जुनी में शनिवार 12 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम में क्षेत्र के ग्रामीणों से सीधी बात की. इस दौरान क्षेत्रवासियों ने मुख्यमंत्री से बेबाक बातचीत में योजनाओं के लाभ के साथ ही समस्याओं और मांगों को भी रखने में परहेज नहीं किया. आयोजन में पहला ऐसा मंच था. जिसमें मुख्यमंत्री के साथ अनेक अधिकारियों ने भी मंच साझा किया और मुख्यमंत्री से स्वयं उनका परिचय दिया जबकि अनेक वरिष्ठ कांग्रेसी जनप्रतिनिधि कुर्सियां तलाशते नजर आये. ग्राम अर्जुनीवासियों की ओर से क्षेत्रीय विधायक ने मात्र एक मांग रखी. जिसे मुख्यमंत्री ने इसे तत्काल स्वीकार कर महाविद्यालय की घोषणा की और इसके साथ ही क्षेत्र के अन्य मांगों को पूर्ण करने के लिए सहर्ष स्वीकृति दे दी। हालांकि ग्राम अर्जुनी में शराबभट्टी को हटाकर अन्यत्र ले जाने की मांग ग्रामीणों द्वरा की गई लेकिन इस मामले में अंत तक कोई भी घोषणा नहीं हुई. आयोजन में प्रारंभ में ही सालिकझिटिया निवासी राजेंद्र साहू धान खरीदी और शीघ्र राशि मिलने को लेकर हर्ष जताते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और साथ ही इस किसान ने स्कूल के समीप ही संचालित शराबभट्टी को अन्यत्र ले जाने की मांग की. इस मामले में मुख्यमंत्री व्दारा किसी प्रकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई. इसी प्रकार सिंगारपुर की प्रभा ने राशनकार्ड के माध्यम से उचित मूल्य पर खाद्यान्न सामग्री प्राप्त होने की बात कहते हुए मिट्टी तेल व रसोई गैस के मूल्य कम करने का निवेदन किया. जिस पर मुख्यमंत्री ने मिट्टी तेल व रसोई गैस केन्द्र सरकार के नियंत्रण में बताते हुए अपनी बात खत्म की. वहीं आलीखूंटा की सरिता साहू ने 1 लाख रूपये का गोबर बेचकर इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदना बताया साथ ही मितानिन समूह के लिए भवन की मांग की. ग्राम अमलीडीह टोलागांव निवासी गीता साहू ने बताया कि वर्मी कंपोष्ट के माध्यम से उनका समूह काफी लाभ प्राप्त हो रहा है. बुनकरों के लिए लिए जमीन की मांग पर मुख्यमंत्री ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के विषय में जानकारी प्रदान की. इधर सांगिनकछार निवासी बंशीराम वर्मा ने अपने खेत में वर्मीकंपोस्ट के उपयोग को उपयोगी बताते हुए बगैर दवाई के धान का उत्पादन लेना बताया. एक क्षेत्रवासी के सडक़ों में पशुओं को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए इसका निदान करने की मांग मुख्यमंत्री से की. जिस पर मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि धान उत्पादन के बाद पैरा जलाने के बजाए उसे गौठानों में दान करें ताकि पशुओं के लिए चारा उपलब्ध हो और पशु सडक़ों में न रहकर गौठान की ओर रूख करें. इस सबके बीच सवाल यह है कि आखिर चार वर्षों बाद अपनी योजनाओं को लेकर प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री को समझाना क्यों पड़ रहा है? तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन और संचालन के लिए पार्टी विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण गंभीर क्यों नहीं रहे?

पूरे चर्चा के दौरान जिले का एक किसान बीरबल सिंह नेताम ने अपनी बच्ची महिमा नेताम के इलाज और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु की मार्मिक व्यथा को मुख्यमंत्री के सामने रखा व राजनांदगांव जिला अस्पताल के डॉक्टरों की पोल खोलते हुए सख्त लहजे में मुख्यमंत्री से शिकायत की. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने इस संबंध में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से व्यक्तिगत मिलकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की थी. बीरबल नेताम ने बताया कि उसने बच्ची का इलाज राजनांदगांव में करवाया था. जहां डाक्टरों की लापरवाही के चलते उसने बच्ची खो दिया. इस पर शीघ्र ही कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए. इस मामले में मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को कमेटी बनाकर जांचकर कार्यवाही करने के आदेश दिए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here