भारत हमेशा से एक कृषि प्रधान देश रहा है. कृषि का महत्व इस तथ्य से भी पता चलता है कि कृषि भारत की जीडीपी का लगभग 15 फीसदी है, लेकिन 40 प्रतिशत से अधिक भारतीयो के लिए रोजगार का मुख्य साधन कृषि है. पीएम मोदी ने इस तथ्य को केंद्र में रखते हुए वर्ष 2014 में कार्यभार संभालने के बाद से भी कृषि और किसानों को आर्थिक रुप से सशक्त बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए. इनमें सबसे अधिक सशक्त योजना के रुप में किसान सम्मान निधि बनकर उभरी है. पीएम मोदी ने 24 फरवरी 2019 को इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की थी
छोटे किसानों पर खास ध्यान
पीएम मोदी ने बाराबंकी में एक कार्यक्रम में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनकी सरकार के आने से पहले किसी पालिटिकल पार्टी या नेता ने छोटे किसान शब्द का प्रयोग भी नहीं किया था. देश में 80-90 फीसदी छोटे किसान थे लेकिन विपक्षी दलों को इनकी कोई परवाह नहीं थी. इस योजना के शुरू होने के बाद से 2 लाख करोड से अधिक सीधे किसानो के खातों में ट्रांसफर किए हैं. देश के 85 प्रतिशत से अधिक किसानो को बीज और खाद खरीदने के लिए जरुरी धन उपलब्ध करा रही है
किसानों का सहारा- लाभार्थियों की संख्या बढ़ी
पीएम किसान सम्मान निधि भारत सरकार से 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है और योजना के तहत सभी किसान परिवारों को 6000 हजार रुपया प्रति वर्ष की आय सहायता प्रदान की जाती है. योजना के लिए परिवार की परिभाषा पति, पत्नी और नाबालिग बच्चे हैं. राज्य सरकार और केन्द्र शासित प्रदेश का प्रशासन उन किसान परिवारों की पहचान करते हैं जो योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार समर्थन के पात्र हैं. फंड सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाता है
इस योजना के अंतर्गत शुरूआती दौर में दिसंबर 2018 से मार्च 2019 तक जहां लाभार्थीयो की संख्या 3.16 करोड़ थी, वहीं अप्रैल 2022 से जुलाई 2022 के दौरान ये बढ़कर 10.45 करोड़ हो गई. मोदी सरकार ने किसानो को योजना के तहत अधिकतम लाभ दिलाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसमें पीएम किसान पोर्टल में स्पेशल फैसिलिटी के रुप में किसान कार्नर की सुविधा दी गई है. इस बारे में 24 फरवरी, 2020 को स्पेशल मोबाइल एप की शुरूआत भी गई.
गेम चेंजर डीबीटी योजना बनी
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की चर्चा आज दुनिया भर में दुनिया में सबसे बड़ी DBT योजना के रुप में भी बनी है. इस योजना में कोई भी बिचौलिया शामिल नहीं है और एक क्लिक करने के एक मिनट के भीतर करोड़ों किसानों को बिना किसी समस्या के योजना के तहत लाभ मिल जाता है.
तीन साल में 2 लाख करोड़ से अधिक की सहायता
बीते तीन साल में योजना के तहत 2 लाख करोड़ से अधिक की सहायता किसानों को दी गई है. आईसीएआर और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) के सहयोग से की गई एक स्टडी के मुताबिक योजना से कृषि के लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए किसानों की लिक्विडिटी की कमी को दूर करने में बड़ी सहायता मिली है. इसके अलावा, छोटे और मार्जिनल किसानों के लिए इस योजना से उन्हें न केवल खेती संबंधी कामों के लिए पैसों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिली है, बल्कि उनके दैनिक उपभोग, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अन्य आकस्मिक खर्चों के लिए भी सहायता मिली है.