राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन आज डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी आई.आई.आई.टी. नवा रायपुर के ‘‘तृतीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। राजभवन से राज्यपाल समारोह में वर्चुअल तरीके से सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होेंने सभी पदक एवं उपाधि प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी और कहा कि सभी विद्यार्थी राष्ट्र की सेवा में तत्पर रहें।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। ट्रिपलआईटी नवा रायपुर के ऑफिसियेटिंग बोर्ड चेयरमैन श्री स्टीवन ए. पिंटो ने समारोह की अध्यक्षता की। विशेष अतिथि उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के पूर्व महानिदेशक और ब्रम्होस एयरोस्पेस नई दिल्ली के पूर्व सीईओ डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा, ट्रिपलआईटी नवा रायपुर के निदेशक डॉ. प्रदीप के. सिन्हा समारोह में उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित अतिथियों ने विद्यार्थियों को मैडल तथा डिग्री प्रदान की। तीन विद्यार्थियों को पीएचडी, 15 विद्यार्थियों को एमटेक और 113 विद्यार्थियों को बीटेक की उपाधि प्रदान की गई।
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ने दीक्षांत समारोह में कहा कि देश को आज इस मुकाम तक पहुंचाने में हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने असंख्य कुर्बानियां दी हैं। महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस और अनेक सेनानीयों ने अपने-अपने तरीकों से भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी जी के अहिंसात्मक तरीके से देश को आजाद कराने की कोशिशों पर पूरे विश्व को बहुत आश्चर्य हुआ था। गांधी जी ने समाज के सभी वर्गाे, विशेष कर विद्यार्थियों को भी आजादी के आंदोलन में शामिल होने का आव्हान किया। नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने दिल्ली चलो का नारा देकर सभी लोगों से सशस्त्र संग्राम में शामिल होने की अपील की थी।
राज्यपाल ने ट्रिपल आई.टी. द्वारा कृषि वानिकी एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अनुसंधान किए जाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों को समाज, राज्य और राष्ट्र की सेवा में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों का जीवन स्तर बेहतर हो सके। उन्होेंने जलवायु परिवर्तन, स्वच्छ ऊर्जा, एनालिटिक्स में विशेष रूप से कार्य करने की आवश्यकता बताई । उन्होंने कहा कि आपके हाथ में, आपके भविष्य के साथ ही भारत का भविष्य भी जुड़ा हुआ है। अभी भारत, स्वतंत्रता का 75वां महोत्सव ‘अमृत काल‘ मना रहा है। शीघ्र ही हम स्वतंत्रता के 100 साल का महोत्सव मनायेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से भारत को विश्वगुरू बनाने में अपना योगदान देने के लिए लगातार प्रयास करने को कहा।