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अगले साल तक भारत में बनेगा सेमी-कंडक्टर, क्या है ये डिवाइस और किस काम आता है, कौन बनाएगा? जानिए सबकुछ

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पिछले 2-3 वर्षों से सेमी कंडक्टर की कमी से टेक सेक्टर से लेकर ऑटो इंडस्ट्री को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब आने वाले दिनों में यह समस्या दूर होने वाली है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 3 प्रमुख अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनियों ने एमओयू पर साइन करके भारत में निवेश का ऐलान किया है. इसके बाद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि “भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है.”

भारत और अमेरिका ने इंडिया-यूएस 5th कमर्शियल डायलॉग 2023 के दौरान सेमीकंडक्टर सप्लाई चैन स्थापित करने के लिए एक एमओयू पर साइन किए हैं, जो भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का केंद्र बनने के अपने सपने को साकार करने में बड़ी मदद कर सकता है. भारत-अमेरिका के बीच यह प्रयास सेमीकंडक्टर को लेकर चीन और ताइवान पर अपनी निर्भरता को कम करने के उद्देश्य से अहम है. आइये आपको बताते हैं आखिर क्या है सेमीकंडक्टर और यह किस काम आता है.

सेमीकंडक्टर क्या होते हैं?
सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन चिप्स होते हैं और इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, मोबाइल, इलेक्ट्रिक गैजेट्स और लग्जरी वाहनों में होता है. ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करते हैं. आजकल की कारों में काफी हाईटेक फीचर्स को शामिल किया जाता है और इन फीचर्स को पूरा करने के लिए सेमीकंडक्टर की जरूरत पड़ती है.

कहां होता है इस्तेमाल
सेमीकंडक्टर का उपयोग सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, जैसे मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, संचार उपकरण, ट्रेन, एटीएम आदि में व्यापक रूप से किया जाता है. कारों में सेमीकंडक्टर इस्तेमाल हेड्स अप डिस्प्ले, सेन्सर्स, सेलफोन और कम्यूनिकेशन इंटीग्रेशन के साथ उच्च दक्षता वाले इंजन के एलिमेंट्स में होता है. इसके अलावा ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग रियर कैमरा, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, एयरबैग और इमरजेंसी ब्रेकिंग में भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है.

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