वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रविवार शाम तक छह करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए जा चुके हैं. यह संख्या पिछले साल 31 जुलाई तक दाखिल किए गए आईटीआर के आंकड़े को पार कर गई है. वेतनभोगी वर्ग और ऐसे लोग जिन्हें अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत नहीं है, उनके लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई यानी आज है.
आयकर विभाग ने ट्वीट किया, “30 जुलाई को शाम साढ़े छह बजे तक छह करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल किए जा चुके थे, जिसमें से 26.76 लाख आईटीआर रविवार को दाखिल किए गए.” विभाग ने कहा कि आईटीआर दाखिल करने के लिए फोन, लाइव चैट और सोशल मीडिया के जरिए करदाताओं की लगातार मदद की जा रही है.
आज है आखिरी डेट
आज वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 (AY 2023-24) के लिए आईटीआर फाइल करने का आखिरी दिन है. लोगों द्वारा उम्मीद जताई जा रही है कि लास्ट डेट को आगे बढ़ाया जाएगा. हालांकि, सरकार ने अभी तक इस तरफ कोई इशारा नहीं किया है. इतना ही नहीं, सरकार यहां तक कह चुकी है कि आईटीआर भरने की अंतिम तिथि को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. ऐसे में जो लोग आज आईटीआर नहीं भर पाते हैं उन्हें कल से आईटीआर फाइल करने के लिए जुर्माना देना पड़ेगा.
कितना लगेगा जुर्माना?
देर से आईटीआर फाइल करने पर जुर्माना वेतन के हिसाब से लगता है. 31 दिसबंर 2023 तक अधिकतम 5000 रुपये के जुर्माने के साथ आईटीआर फाइल किया जा सकेगा. जिस व्यक्ति की कर योग्य आय 5 लाख से ज्यादा नहीं है उसे लेट फीस स के रूप में 1000 रुपये का भुगतान करना होगा. वहीं, इससे अधिक कर योग्य आय वाले लोगों को 5000 रुपये का भुगतान करना होगा.
आईटीआर नहीं फाइल करने का सबसे बड़ा नुकसान
अगर आपको आयकर विभाग से रिफंड मिलना है तो वह केवल आईटीआर फाइल करने के बाद ही मिलेगा. जुर्माने के अलावा लेट आईटीआर फाइल करने के सबसे बड़े नुकसान में से एक यह है कि आपको रिफंड की रकम तो मिलेगी लेकिन उस पर ब्याज नहीं दिया जाएगा. इसलिए अगर आपको टीडीएस कटने की वजह से रिफंड मिलने वाला है तो उस पर ब्याज के लिए आज ही आईटीआर फाइल कर दें.