Home देश रेलवे की जमीन पर कब्जे के बदले नहीं मिलता पुनर्वास या मुआवजा,...

रेलवे की जमीन पर कब्जे के बदले नहीं मिलता पुनर्वास या मुआवजा, सुप्रीम कोर्ट में मंत्रालय का जवाब

181
0

रेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा कि रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के बदले पुनर्वास या मुआवजा मुहैया कराने की कोई नीति या प्रावधान नहीं है. उत्तराखण्ड में गोला नदी के किनारे अतिक्रमण के मामले में पुनर्वास या मुआवजे से रेलवे ने इंकार किया है. दरअसल यह हल्द्वानी में रेल विभाग द्वारा दावा की गई 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने का मामला है. इसमें रेलवे ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, और कहा है कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आए याचिकाकर्ताओं ने याचिका में भी पुनर्वास की कोई मांग नहीं की है. ऐसे में पुनर्वास या मुआवजे का मसला नहीं उठता.

सुप्रीम कोर्ट में रेलवे ने कहा कि नैनीताल हाईकोर्ट ने गोला नदी में अवैध खनन के मद्देनजर जुलाई, 2008 में सुनवाई शुरू की थी. रेलवे का पक्ष जानने के बाद हाईकोर्ट ने रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने को कहा था. राजस्व के भारी नुकसान के बावजूद राज्य सरकारों के प्राधिकार रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने में सहायता नहीं करते. सिर्फ उत्तराखंड में रेलवे की भूमि पर 4365 गैरकानूनी कब्जा है. जबकि यूपी-बिहार में 25648.15 हेक्टेयर भूमि पर यह स्थिति है.

अतिक्रमण हटाना जरूरी है अन्यथा यह खतरे का कारण बनेगा
रेलवे ने कहा कि रेलवे को भविष्य के प्लान के मद्देनजर हरेक अतिक्रमण या गैरकानूनी कब्जा हटाने की जरूरत है. जनहित में अतिक्रमण को हटाया जाना जरूरी है. अन्यथा भविष्य में यह रेल यात्रियों की परेशानी का कारण बनेगा. हल्द्वानी में गोला नदी के डूब क्षेत्र से यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर अतिक्रमण हटाना जरूरी है. अन्यथा भविष्य में यह यात्रियों के लिए खतरे का कारण बनेगा.

अतिक्रमण या अवैध कब्‍जे करने का किसी को हक नहीं
सुप्रीम कोर्ट में रेलवे ने कहा कि नजूल के प्रावधानों के मुताबिक संबंधित भूमि पर अतिक्रमण या अवैध कब्जे पर ढांचा खड़ा करने का हक किसी नागरिक को नहीं है. सुप्रीम कोर्ट को मामले पर दायर याचिका खारिज करनी चाहिए. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने ही अपने पूर्व के फैसलों में कहा है कि अवैध कब्जे तत्काल हटाए जाने चाहिए. यही जनहित में है. सुप्रीम कोर्ट को अतिक्रमण हटाने पर लगायी गई रोक का आदेश वापस लेना चाहिए.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here