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जिस ईडी कोर्ट के जज रहे सुधीर परमार, उसी जांच एजेंसी ने किया गिरफ्तार, भ्रष्टाचार का है मामला

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केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Enforcement Directorate, ED) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए हरियाणा के पूर्व जज सुधीर परमार को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है. जांच एजेंसी द्वारा ईडी कोर्ट के पूर्व जज की गिरफ्तारी (ED arrested Judge Sudhir Parmar) अपने आप में बेहद चौंकाने वाली खबर है. ईडी ने औपचारिक तौर पर इस गिरफ्तारी की पुष्टि कर दी है. जांच एजेंसी द्वारा इस केस में अब तक कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

ईडी के विशेष सूत्र के मुताबिक पिछले कुछ दिनों पहले ही जांच एजेंसी द्वारा आईईआरओ नाम की कंपनी के मालिक ललित गोयल को गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी के वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक कथित तौर पर सीबीआई और ईडी कोर्ट के जज को घूस देने के आरोप में ललित गोयल को गिरफ्तार किया गया है. जज को घूस देने का आरोप वाला मामला अपने आप में बेहद संगीन है. लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसी द्वारा इस मामले की शुरुआती तफ्तीश के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया और कारोबारी ललित गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया.

जज के भतीजे की भी हो चुकी है गिरफ्तारी
सुधीर परमार के भतीजे अजय परमार के खिलाफ 13 जून को नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अगले ही दिन ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. जब जांच एजेंसी को अजय परमार के मामले में पता चला कि उसके चाचा और न्यायिक सेवा में रहे सुधीर परमार हैं तो तब उसके खिलाफ कार्रवाई करने से पहले तमाम सबूतों और दस्तावेजों को कई बार खंगाला गया और सतर्कता से तफ्तीश को आगे बढ़ाया गया. जांच एजेंसी के मुताबिक सुधीर परमार पर भतीजे अजय के मार्फत लाभ लेने का आरोप

M3M कंपनी में लीगल सलाहकार था अजय परमार
अजय परमार गुरुग्राम की बिल्डर कंपनी M3M कंपनी में लीगल सलाहकार पद पर कार्यरत था. उसके बदले उसे अच्छी खासी कंसल्टेंसी फीस कंपनी द्वारा दी जाती थी. हालांकि सूत्र तो ये भी बताते हैं कि जब M3M कंपनी का मामला कोर्ट पहुंचा तो उस वक्त अजय परमार की कंसल्टेंसी फीस कई गुना बढ़ गई थी. लिहाजा इस मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को विस्तार से खंगाला जा रहा है. जज को लाभ देने का आरोप M3M नाम की कंपनी समूह के मालिक रूप बंसल, पंकज बंसल और बसंत बंसल लगा था. हालांकि बंसल कारोबारियों की गिरफ्तारी जांच एजेंसी द्वारा की जा चुकी है.

जज को आरोपियों द्वारा लाभ पहुंचाने का था मामला
कारोबारी रूप बंसल और बसंत बंसल की कंपनियों की अगर बात करें तो उन दोनों द्वारा कोर्ट की प्रक्रिया में लाभ पहुंचाने के लिए सिटिंग जज को लाभ पहुंचाने का कथित तौर पर आरोप लगा था. दरअसल हरियाणा के पंचकूला स्थित एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा 17 अप्रैल 2023 को सिटिंग जज सुधीर परमार, बसंत बंसल और रूप बंसल सहित कई अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी. उसी एफआईआर को बाद में जांच एजेंसी ईडी द्वारा टेकओवर किया गया और मामले की तफ्तीश के बाद इस मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करके आगे की तफ्तीश की गई. जिसके बाद अब तक कई आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है. जांच एजेंसी द्वारा एक जून को M3M कंपनी और उससे जुड़े निदेशकों के खिलाफ इसके साथ ही एक अन्य रियल एस्टेट कंपनी IREO के खिलाफ राजधानी दिल्ली और गुरुग्राम में एक साथ सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था.

सर्च ऑपरेशन में मिले थे महत्वपूर्ण सबूत
उस सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी महत्वपूर्ण सबूतों को इकठ्ठा किया गया. उसी सर्च ऑपरेशन के दौरान जांच एजेंसी ने फरारी कार, लैंबोर्गिनी और बेंटले जैसी कई लग्जरी कारों को जब्त किया था. जिनकी अनुमानित कीमत करीब 60 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी. इसके साथ ही करीब 5.75 करोड़ रुपये के आभूषण भी ईडी ने जब्त किए. उसके बाद आगे की तफ्तीश के दौरान रूप बंसल को सबसे पहले इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.

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