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काशी में बढ़ रहा है उद्यमियों का रुझान, लोगों को मिलेगा रोजगार

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दुनिया के औद्योगिक मानचित्र पर काशी का नक्शा तेजी से उभर रहा है. प्रदेश सरकार की औद्योगिक नीतियों और माफिया पर नकेल कसने के बाद काशी में उद्योगपतियों का रुझान तेजी से बढ़ा है. ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 में काशी में 1037 करोड़ के 36 प्रोजेक्ट धरातल पर उतर कर ऑपरेशनल हो चुके हैं. इससे 2798 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. वाराणसी में कुल 15358.81 करोड़ की 130 योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से काम चल रहा है.

कभी अपराधियों और अपराध के लिए मशहूर पूर्वांचल अब उद्योग धंधों का हब बनता जा रहा है. उत्तर भारत का गेटवे कहे जाने वाले वाराणसी में निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है. जिसका नतीजा भी धरातल पर दिखने लगा है. उपायुक्त उद्योग वाराणसी मोहन शर्मा ने बताया कि जीबीसी 4.0 में आए 15358.81 करोड़ के 130 निवेशकों में से 36 निवेशकों के 1037 करोड़ के निवेश के प्रोजेक्ट ऑपरेशनल हो चुके है. जबकि 75 निवेशकों के प्रोजेक्ट भूमि निर्माणाधीन हैं, जो जल्दी ही उत्पादन करने लगेंगे. शेष बचे हुए निवेशकों का भूमि आदि संबंधित काम जल्द ही हो जाएगा.

36 कंपनियों में से सबसे ज्यादा टेक्निकल एजुकेशन, एमएसएमई और निर्यात विभाग की 10-10 कंपनियां हैं. इसमें सबसे ज्यादा 449 करोड़ का निवेश पर्यटन सेक्टर में हुआ है. सबसे ज्यादा 990 लोगों को रोजगार एमएसएमई और निर्यात विभाग में मिला है. ध्यान रखने वाली बात है कि डबल इंजन की मोदी योगी सरकार वाराणसी में इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत तेजी से बढ़ा रही है. देश के पहले रोप वे सर्विस में यात्रियों को यात्रा के दौरान आध्यात्मिकता और धार्मिकता का आभास होगा. गंडोला से करीब 50 मीटर की ऊंचाई से यात्रा में काशी दर्शन के साथ ही यात्रियों को भजन भी सुनाई देगा. रोपवे काशी की यातायात की समस्या को सुगम बनाने के साथ ही कम समय में प्रदूषण रहित यात्रा कराएगा. रोपवे से वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से काशी विश्वनाथ मंदिर के पास गोदौलिया तक की यात्रा महज 16 मिनट में तय होगी.

807 करोड़ की लागत से रोपवे
रोपवे का निर्माण 807 करोड़ से किया जा रहा है. प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को धरातल पर ला रही योगी सरकार दुनिया की तीसरे अर्बन ट्रांसपोर्ट का निर्माण काशी में तेजी से करा रही है. काशी में यातायात की समस्या को समाप्त करने के लिए रोपवे का निर्माण किया जा रहा है. जो प्रदूषण से बचाते हुए गंतव्य तक पहुंचाएगा. काशी की परंपरा और मिज़ाज के अनरूप गंडोला में यात्रा करने वाले शिव धुन और रामधुन का आनंद ले सकेंगे. गंडोला और रोपवे स्टेशन पर भी वाराणसी की परंपरा ,संस्कृति ,धरोहर और अध्यात्म की तस्वीर देखने को मिलेगी.

पर्यटकों को सुविधा
रोपवे के पहले सेक्शन का कैंट, भारत माता मंदिर और रथयात्रा में प्लेटफार्म का काम अंतिम चरण में है. हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गंडोला उपलब्ध रहेगा, एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे. गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुँचने में लगभग 16 मिनट लगेगा. लगभग 45 से 50 मीटर की ऊंचाई से क़रीब 150 ट्रॉली कार चलेगी. एक ट्रॉली में 10 पैसेंजर सवार हो सकते हैं.

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