सोशल मीडिया की दुनिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) ने साल 2012 में इंस्टाग्राम (Instagram) को अपना हिस्सा बना लिया था. उस समय 1 अरब डॉलर के इस भारी भरकम सौदे से पूरी दुनिया चौंक गई थी. इस डील ने सोशल मीडिया का परिदृश्य ही बदलकर रख दिया था. अब इस सौदे को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. एक लीक ईमेल से पता चला है कि मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने यह सौदा सिर्फ इंस्टाग्राम की काबिलियत को देखते हुए नहीं किया था बल्कि इसके पीछे कम्पटीशन तोड़ने की सोच भी उनके दिमाग चल रही थी.
सिर्फ 2 साल में लोकप्रिय हो गया था इंस्टाग्राम
फेसबुक अब मेटा प्लेटफॉर्म्स (Meta Platforms) बन चुकी है. इसके अंदर फेसबुक के साथ ही इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप (WhatsApp) जैसे दिग्गज सोशल मीडिया एप आते हैं. इंस्टाग्राम को साल 2010 में लॉन्च किया गया था. इस एप का फोकस फोटो शेयरिंग पर था. दूसरी तरफ फेसबुक का झुकाव कंटेंट आधारित प्लेटफॉर्म की ओर था. सिर्फ 2 साल में ही यह एप तेजी से लोकप्रिय हो गया. लोगों को फेसबुक से इतर एक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मिला था. इन चीजों की तरफ मार्क जकरबर्ग का ध्यान भी गया. उन्हें इंस्टाग्राम में फेसबुक का प्रतिद्वंदी दिख रहा था. इसके बाद वह इंस्टाग्राम को खरीदने की तैयारी में जुट गए ताकि फेसबुक को कोई खतरा खड़ा न हो.
1 अरब डॉलर में फेसबुक ने खरीदा था इंस्टाग्राम
सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2012 में इंस्टाग्राम की वैल्यू 1 अरब डॉलर आंकी गई थी. अब यह एप 500 अरब डॉलर की मार्केट वैल्यू हासिल कर चुका है. लीक हुए ईमेल से पता चला है कि यह 1 अरब डॉलर की वैल्यूएशन भी मार्क जकरबर्ग के दिमाग की ही उपज थी. वह इंस्टाग्राम के अलावा भी कई मोबाइल एप कंपनियों पर नजर रखे हुए थे. उन्होंने फेसबुक के तत्कालीन सीएफओ डेविड एबर्समैन को लिखे ईमेल में कहा कि इंस्टाग्राम जैसी कंपनियां लाखों यूजर्स हासिल कर चुकी हैं. इनकी ग्रोथ तेज है. अभी इनकी टीम छोटी है और इनके पास रेवेन्यू नहीं है. इनके पास फिलहाल बिजनेस भले ही न हो लेकिन, ये अपना नेटवर्क बना चुके हैं. अगर ये कंपनियां बड़ी हो गईं तो हमारे लिए बहुत मुसीबत खड़ी कर सकती हैं.
भविष्य को समझ रहे थेमार्क जकरबर्ग
उन्होंने लिखा कि अगर हम इन नई कंपनियों को 50 करोड़ डॉलर या 100 करोड़ डॉलर जैसी कोई शानदार कीमत दें तो ये कंपनी बेचने के लिए उत्सुक हो सकते हैं. अच्छी कीमत पर ये फेसबुक की सफलता का हिस्सा बनने को तैयार हो सकते हैं. हालांकि, इस ईमेल की सच्चाई की जांच फिलहाल नहीं की जा सकी है. मगर, इससे मार्क जकरबर्ग की भविष्य को लेकर सोच साफ समझ आती है.