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बीएसएनएल के सामने ‘अस्तित्व का संकट’, कर्मचारियों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार

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सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के सामने इन दिनों अस्तित्व का संकट आया हुआ है. यह दावा है बीएसएनल एम्पलॉइज यूनियन का, जिसने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर यह मुद्दा उठाया है और हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है.

बीएसएनएल का गहराया संकट

सरकारी दूरसंचार कंपनी के कर्मचारियों के संगठन बीएसएनएल एम्पलॉइज यूनियन ने शनिवार 4 मई को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को भेजे एक लेटर में कई मुद्दे उठाया है. यूनियन का कहना है कि भारी संख्या में ग्राहक बीएसएनल को छोड़कर जा रहे हैं. बकौल यूनियन, बीएसएनएल के ग्राहक हाई स्पीड डेटा सर्विस के अभाव में दूर जा रहे हैं, जिससे सरकारी कंपनी के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है.

इस कारण दूर हो रहे हैं ग्राहक

यूनियन ने इसके लिए टीसीएस को जिम्मेदार बताया है. दरअसल बीएसएनएल पिछले कुछ समय से 4जी सेवाएं बहाल करने की दिशा में काम कर रही है. तेज प्रतिस्पर्धा वाले दूरसंचार क्षेत्र में टिके रहने के लिए तेज डेटा सर्विस काफी जरूरी है. एयरटेल, जियो, वोडाफोन आइडिया जैसी निजी दूरसंचार कंपनियां 5जी सेवाएं देना शुरू कर चुकी हैं. ऐसे में बीएसएनएल के पास 4जी सर्विस के भी नहीं होने से ग्राहक पलायन कर रहे हैं.

टीसीएस पर यूनियन ने लगाया आरोप

बीएसएनएल एम्पलॉइज यूनियन का कहना है कि सरकारी दूरसंचार कंपनी की 4जी सेवाओं में टीसीएस की वजह से देरी हो रही है, जिसे बीएसएनएल ने 4जी इक्विपमेंट की आपूर्ति करने और उनकी कमिशनिंग करने का ऑर्डर दिया है. यूनियन के अनुसार, टीसीएस ने 4जी इक्विपमेंट का फील्ड ट्रायल भी पूरा नहीं किया है और प्राइवेट आईटी कंपनी इसमें काफी समय लगा रही है.

पिछले वित्त वर्ष में कम हुए करोड़ों ग्राहक

लेटर में एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देकर बताया गया है कि ग्राहक किस तरह से बीएसएनएल से दूर जा रहे हैं. लेटर के अनुसार, मार्च 2024 में समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1.8 करोड़ ग्राहक बीएसएनएल से दूर हो गए. उनमें से 23 लाख ग्राहक अकेले मार्च महीने में बीएसएनल को छोड़कर चले गए. इससे पता चलता है कि सरकारी बीएसएनएल के सामने उपस्थित संकट गंभीर है. यूनियन ने फिर से सुझाव दिया है कि बीएसएनएल को फिलहाल वोडाफोन आइडिया के नेटवर्क को यूटिलाइज कर 4जी सेवाओं की शुरुआत करनी चाहिए.

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