दशकों से संसद की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ की सोमवार को ऑफिशियली विदाई हो रही है, इनके जगह सीआईएसएफ (CISF) के जवान सुरक्षा की कमान संभालेंगे. पिछले साल संसद में एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन के लगभग पांच महीने बाद यह बड़ा कदम उठाया गया. 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक होने के बाद से ही बड़े बदलाव के कायास लगाए जा रहे थे. मालूम हो कि 1,400 से अधिक सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों की जगह सीआईएसएफ के 3300 से अधिक कर्मी आतंकवाद रोधी तथा अन्य सुरक्षा दायित्वों की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले लेंगे.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संसद दायित्व समूह (पीडीजी) ने शुक्रवार को परिसर से अपना पूरा प्रशासनिक और अभियानगत अमला- वाहन, हथियार और कमांडो को हटा लिया तथा इसके कमांडर एवं उपमहानिरीक्षक रैंक के अधिकारी ने सभी सुरक्षा जिम्मेदारियां सीआईएसएफ (CISF) को सौंप दीं. इसके बारे में जानकारी देते हुए सीनियर अधिकारी ने कहा कि पुराने और नए संसद भवन तथा इस परिसर में स्थित संबंधित ढांचों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ के कुल 3,317 कर्मियों को शामिल किया जा रहा है.
पिछले साल 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक की घटना के बाद सरकार ने सीआईएसएफ (CISF) को सीआरपीएफ (CRPF) से सुरक्षा कार्यभार संभालने को कहा गया था. साल 2001 में संसद पर हुए आतंकवादी हमले की बरसी पर एक बड़ी सुरक्षा चूक में 13 दिसंबर, 2023 को शून्यकाल के दौरान दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने कैन से पीला धुआं छोड़ा था तथा नारेबाजी की थी। इन लोगों को सांसदों ने पकड़ लिया था. उस दिन लगभग उसी समय संसद परिसर के बाहर दो अन्य व्यक्तियों ने नारे लगाते हुए कैन से रंगीन धुआं छोड़ा था.
घटना के तुरंत बाद, संसद परिसर के समग्र सुरक्षा मुद्दों को देखने और उचित सिफारिशें करने के लिए सीआरपीएफ महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी. अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि सीआईएसएफ (CISF) की आतंकवाद रोधी सुरक्षा इकाई सोमवार, 20 मई को सुबह छह बजे से संसद परिसर का पूरा प्रभार संभाल लेगी. सीआईएसएफ (CISF) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके साथ ही अब तक संसद की संयुक्त रूप से सुरक्षा करने वाले सीआरपीएफ पीडीजी, दिल्ली पुलिस (लगभग 150 कर्मी) और संसद सुरक्षा स्टाफ (पीएसएस) को हटा दिया गया है.