भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) ने इंटरनेट आधारित कारोबार के लिए शेयर ब्रोकर को मंजूरी देने में स्टॉक एक्सचेंज द्वारा लगने वाले समय को मौजूदा 30 दिन से घटाकर 7 दिन कर दिया है. इस कदम का मकसद कारोबार में सुगमता लाना है. नियम के तहत ब्रोकर को इंटरनेट आधारित कारोबार सेवा प्रदान करने की औपचारिक अनुमति के लिए संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में आवेदन करना आवश्यक है.
सेबी ने सर्कुलर में कहा कि स्टॉक एक्सचेंज को अपने निर्णय की जानकारी सदस्य को 30 दिन के भीतर देनी होती है. लेकिन अब उसे ऐसा 7 दिन के भीतर करना होगा. इंटरनेट पर कारोबार ‘ऑर्डर रूटिंग सिस्टम’ के जरिये हो सकता है. इस प्रकार देश के किसी भी हिस्से में बैठा व्यक्ति ब्रोकर की ‘इंटरनेट कारोबार प्रणाली’ के जरिये इंटरनेट को माध्यम के रूप में इस्तेमाल कर कारोबार कर सकता है. सेबी के अनुसार, नए दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे.
क्या है इसका मतलब?
मान लें कि आप किसी ऐसे ब्रोकर की सेवा लेते हैं जो अभी ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा नहीं दे रहा है. लेकिन अब वह ऐसा करना चाह रहा है, तो वह संबंधित स्टॉक मार्केट के पास आवेदन करेगा कि वह अब अपने ग्राहकों को ऑनलाइन ट्रेडिंग की भी सुविधा देना चाहता है. इस आवेदन पर प्रतिक्रिया देने के लिए पहले स्टॉक मार्केट को 30 दिन का समय मिलता था. इसी समय को सेबी ने घटाकर 7 दिन कर दिया है.
सेबी ने स्टॉक ब्रोकरों के लिए स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा प्रकाशित किए जाने से पहले समय-समय पर इंटरनेट-आधारित ट्रेडिंग आंकड़ों की पुष्टि करने की आवश्यकता को भी खत्म कर दिया है. सेबी ने कहा, “स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा प्रकाशित किए जाने से पहले स्टॉक ब्रोकरों द्वारा आईबीटी आंकड़ों की पुष्टि की मौजूदा आवश्यकता को खत्म करने का निर्णय लिया गया है. इसके बजाय, एक्सचेंज स्टॉक ब्रोकर द्वारा दिए गए आईबीटी टर्मिनलों के विवरण के आधार पर आईबीटी आंकड़े प्रकाशित करेंगे.”
इसके बजाय, एक्सचेंज अब अपने आंकड़ों को स्टॉक ब्रोकरों द्वारा उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन ट्रेडिंग टर्मिनलों के विवरण पर आधारित करेंगे। एक्सचेंज ब्रोकरों से इन टर्मिनलों के बारे में जानकारी का अनुरोध कर सकते हैं जैसा उन्हें उचित लगे.