भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों के कामकाजों पर नजर रखती है. जब भी कोई बैंक नियमों को अनदेखा कर अपनी मनमानी करता है तो आरबीआई उस पर जुर्माना लगा सकता है. इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक ने कुछ रेगुलेटरी नॉर्म्स का पालन न करने के लिए एसबीएम बैंक (इंडिया) पर 88.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि बैंक पर जुर्माना आरबीआई की लाइसेंस से जुड़े शर्तों का नॉन-कंप्लायंस पर लगाया गया है. इसके अलावा लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत लेनदेन को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं.
आरबीआई की ओर से बैंक को जारी किए गए थे दो नोटिस
बैंक को दो अलग-अलग नोटिस जारी किए गए, जिनमें उसे कारण बताने के लिए कहा गया. नोटिसों पर बैंक के उत्तर, उसके द्वारा किए गए जवाब के बाद आरबीआई ने पाया कि एसबीएम बैंक (इंडिया) के खिलाफ आरोप सही हैं, जिसके लिए मॉनेटरी पेनल्टी लगाया जाना जरूरी है. बैंक ने लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत भी कुछ लेनदेन किए, जबकि आरबीआई ने ऐसे लेनदेन को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश था.
अब ग्राहकों के पैसों का क्या होगा?
हालांकि, आरबीआई ने कहा कि जुर्माना रेगुलेटरी कंप्लायंस में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी लेनदेन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव डालना नहीं है.