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राजग को लगातार तीसरी बार बहुमत…

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इंडिया ने भाजपा को अपने दम पर बहुमत हासिल करने से रोका
R S S से दूरी भाजपा को पड़ी भारी
नई दिल्ली : संघ और भाजपा का चोली दामन का साथ रहा है । माना जा रहा है कि भाजपा की उपलब्धीयों को जनता तक पहुंचाने और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने में भी संघ की भूमिका होती है ।लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में दोंनो दूर दूर रहे । बल्कि यंकहा जा सकता है कि भाजपा ने संघ का सहयोग मांगा ही नहीं । पूरे देश में लगे आरएसएस के प्रचारक और स्वंयसेवक चुनाव प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से निष्क्रिय दिखे ।
400  पार का लक्ष्य नहीं हुआ पुरा
इसके पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में आरएसएस के स्वयंसेवकों की ऐसी निष्क्रियता दिखी थी ,जिसके परिणामस्वारूप इंडिया शाइनिंग के नारे के बावजूद भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था । आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के प्रति स्वयंसेवकों में कोई नारजागी नहीं है, लेकिन भाजपा ने इस बार संघ के सहयोग के बिना ही अबकी बार ,400 पार के लक्ष्य को हासिल करने का फैसले किया ।

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के इंडिया समूह की कड़ी चुनौती और अप्रत्याशित प्रदर्शन के चलते भाजपा अकेले
दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही है। लोकसभा चुनाव की मंगलवार को हुई मतगणना में राजग को 290 से अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं जबकि इंडिया समूह 230 से अधिक सीट पर जीत दर्ज कर रहा है।

मतगणना के परिणामों और रूझानों में भाजपा 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी और कांग्रेस 99 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।

वर्ष2014 के चुनाव के बाद देश में एक बार फिर गठबंधन सरकार की राजनीति वापस लौट रही है जिसमें राजग के घटक दलों तेलुगु देशम पार्टी, जनता दल यू और शिव सेना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। भारतीय जनता पार्टी को उार प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे अपने पुराने
गढों में तगड़ा झटका लगा है

जबकि पार्टी ओड़िशा में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए लोकसभा की अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ साथ राज्य विधानसभा में भी जीत के साथ पहली बार अपनी सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गयी है। पार्टी ने केरल में पहली बार एक सीट के साथ अपना खाता खोला है और नवगठित तेलंगाना में वह साारूढ़ कांग्रेस को कांटे की टक्कर देते हुए बराबर की सीट जीतती नजर आ रही है।

इंडिया समूह ने उार प्रदेश में भाजपा को अप्रत्याशित झटका देते हुए उसे दूसरे स्थान पर धकेल दिया है। राज्य में समाजवादी पार्टी 37 सीटों के साथ सबसे बड़े दल
के रूप में उभरी है। पिछले चुनाव में राज्य की 80 में से 62 सीट जीतने वाली भाजपा इस बार 33 सीट पर सिमटती नजर आयी। कांग्रेस को राज्य में अपनी परंपरागत सीटों रायबरेली और अमेठी सहित छह सीट पर सफलता मिल रही है।

राज्य में सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाली बहुजन समाज पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा। लोकसभा चुनाव में राजग गठबंधन ने इस बार मोदी के करिश्मे के अलावा राममंदिर, धारा 370 , बुनियादी ढांचा विकास और उच्च आर्थिक वृद्धि दर के साथ साथ विपक्षी दलों की तुष्टिकरण की राजनीति के मुद्दों पर चुनाव लड़ा जबकि इंडिया समूह ने ‘संविधान को बचाने’, महंगाई, बेरोजगारी और जातिगत जनगणना को मुय मुद्दा बनाकर प्रचार किया था।

भाजपा ने इन चुनाव में अब की बार 400 पार का नारा देने के साथ ओडि़शा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और तेलंगाना जैसे नये राज्यों में पैर पसारने की जी तोड़ कोशिश की। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नेतमाम पूर्वानुमानों को गलत साबित करते हुए अपना किला बरकरार रखा और 42 में से 29 सीटों पर सफलता हासिल की। भाजपा राज्य में 2019 का प्रदर्शनदोहराने में असफल रही और वह केवल 12 सीटों पर सिमटती नजर आयी।
गुजरात, मध्यप्रदेश, छाीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, दिल्लीऔर उाराखंड भाजपा के भरोसे के राज्य बने हुए हैं औरइनमें अधिकांश सीटों पर पार्टी का कजा बरकरारदिखाई दे रहा है।

कांग्रेस ने केरल में संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (यूडीएफ) के अपने सहयोगी दलों के साथ
मिलकर राज्य में साारूढ वामपंथी लोकतांत्रिक गठबंधन (एलडीएफ) को फिर शिकस्त दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड सीट पर अपना कजा बरकरार रखने में कामयाब रहे। राज्य की त्रिशूर सीट पर भाजपा ने कजा किया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजग की लगातार तीसरी जीत को ऐतिहासिक पल बताया है और इसके लिये देश की जनता के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा है

कि गठबंधन देश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिये नयी ताकत से काम करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने इन चुनाव परिणामों को मोदी की नैतिक हार बताया है

और कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी की दो पदयात्राओं का कांग्रेस को लाभ मिला है।
तमिलनाडु में साारूड द्रमुक पार्टी अपनी पकड़ बनाये हुए है जबकि आंध्र प्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा ने जोरदार उलटफेर करते हुए साारूढ वाई एस आर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। महाराष्ट्र में भाजपा और उसके सहयोगी दलों शिव सेना और राकांपा का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा जबकि विपक्षी इंडिया
समूह के दलों ने आशा के विपरीत

 

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