बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को ग्राहकों के खाते में शेयरों के सीधे भुगतान की प्रक्रिया को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया. परिचालन दक्षता बढ़ाने और ग्राहकों की प्रतिभूतियों के जोखिम को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि यह 14 अक्टूबर से प्रभावी होगा.
वर्तमान में, क्लीयरिंग कारपोरेशन प्रतिभूतियों के भुगतान को ब्रोकर के खाते में जमा करता है. उसके बाद इसे संबंधित ग्राहक के डीमैट खातों में जमा किया जाता है.सेबी ने शेयर बाजारों, क्लीयरिंग कारपोरेशन और डिपॉजिटरी के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद फैसला किया है, ‘‘भुगतान के लिए क्लीयरिंग कारपोरेशन निगम सीधे संबंधित ग्राहक के डीमैट खाते में जमा करेगा.’
क्लीयरिंग कॉर्पोरेशन को दिया यह सुझाव
इसके अलावा, क्लीयरिंग कारपोरेशन को मार्जिन ट्रेडिंग सुविधा के तहत बिना भुगतान वाली प्रतिभूतियों और वित्तपोषित शेयरों की पहचान करने के लिए कारोबारी सदस्य या क्लीयरिंग सदस्यों के लिए एक व्यवस्था प्रदान करनी चाहिए.
सेबी ने सुझाव दिया है कि ‘पोजिशन’ के स्तर पर अगर कोई कमी रहती है तो कारोबारी सदस्य या क्लीयरिंग सदस्यों को नीलामी की प्रक्रिया के माध्यम से इसका निपटान करना चाहिए. इसके अलावा, ऐसे मामलों में ब्रोकर को क्लीयरिंग कारपोरेशन की तरफ से लगाए गए शुल्क के अलावा ग्राहक पर कोई शुल्क नहीं लगाना चाहिए.