देश की बड़ी आईटी कंपनियों में से एक विप्रो को यूएस की एक फर्म से 50 करोड़ डॉलर की डील मिली है. विप्रो ने स्टॉक एक्सचेंजेस को दी गई जानकारी में यह बताया है. विप्रो कुछ प्रोडक्ट्स और इंडस्ट्री आधारित सेवाएं उपलब्ध कराएगी. विप्रो ने बताया है कि यह 5 साल की डील है. विप्रो के नए सीईओ श्रीनिवास पल्लिया के आने के बाद यह कंपनी द्वारा हासिल की गई पहली डील है. बता दें कि उनसे पहले विप्रो की कमान थिएरी डेलापोर्ट के हाथ में थी. वह भारतीय आईटी इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले शख्स थे.
इस डील के पहले अप्रैल में भी कंपनी ने नोकिया के एक साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. हालांकि, इस डील का अमाउंट सामने नहीं आया था. नई डील की खबर सामने आने के बाद संभव है कि विप्रो के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है.
विप्रो के शेयरों की स्थिति
गुरुवार को शेयर बाजार में खरीदारी देखने को मिली. विप्रो के शेयरों में भी तेजी आई. विप्रो के शेयर एनएसई पर 2.24 फीसदी की बढ़त के साथ 461.60 रुपये के स्तर पर बंद हुए. पिछले 5 दिन में इस शेयर ने 4.6 फीसदी से अधिक का रिटर्न अपने निवेशकों को दिया है. हालांकि, 4 जून को हुई मार्केट में गिरावट के कारण इसका 1 महीने का रिटर्न ग्राफ थोड़ा खराब नजर आता है. 1 महीने में इसने निवेशकों को 0.50 फीसदी का नुकसान कराया है. इस साल ये शेयर अब तक 3.26 फीसदी घाटे में रहा है. वहीं, बीते एक साल में इस शेयर ने 14 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है.
कंपनी की वित्तीय स्थिति
विप्रो ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 2835 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था. जो कि उससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले करीब 239 करोड़ रुपये कम था. इस तरह कंपनी के सालाना प्रॉफिट में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. मार्च तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू भी 4 परसेंट गिरा था.