CG Health: विदेश से डिग्री ली, लेकिन नहीं कराया पंजीयन
अंबिकापुर के एक फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट ने छग मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं कराया था। यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि ये फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम पास है भी नहीं। दरअसल निजी अस्पताल में ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान एक बच्ची की मौत हो गई। जांच के बाद पता चला कि विदेश से पढ़े डॉक्टर बच्ची का इलाज कर रहा था। यह मामला भी छग मेडिकल काउंसिल पहुंचा था।
डॉक्टरों का पंजीयन है या नहीं, ज्यादातर सीएमएचओ गंभीर नहीं
नर्सिंग होम एक्ट के तहत निजी अस्पताल शुरू होने के पहले सीएमएचओ की टीम निरीक्षण करती है। इसमें सेवाएं देने वाले सभी डॉक्टरों की डिग्री समेत छग मेडिकल काउंसिल में पंजीयन है या नहीं, इसकी पड़ताल करती है। मामले में प्रदेश के ज्यादातर सीएमएचओ लापरवाही बरत रहे हैं।
केस-1
बिलासपुर का एक युवक अपने आपको सर्जन बताता और एक निजी अस्पताल में काम कर रहा था। युवक ने सर्जरी एसोसिएशन में पंजीयन कराना चाहा, तब खोजबीन हुई। पता चला छग मेडिकल काउंसिल में उनका रजिस्ट्रेशन भी नहीं है। अब युवक गायब हो गया है।
केस-2
गरियाबंद के छुरा में एक निजी अस्पताल में एक मरीज की मौत हो गई। जांच में पता चला कि अस्पताल संचालक के पास डॉक्टर की डिग्री नहीं है। बाहर से डॉक्टर बुलाकर मरीजों का इलाज किया जाता है। शिकायत छग मेडिकल काउंसिल तक पहुंच चुकी है।