शेयर बाजार को पारंपरिक निवेश साधनों से बेहतर रिटर्न देने वाला विकल्प माना जाता है. हालांकि बाजार में निवेश करना बेहद रिस्की भी साबित हो सकता है. तेजी से अमीर बनने के चक्कर में लाखों लोग शेयर बाजार में अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं. उनमें खुदरा निवेशकों का हिस्सा सबसे ज्यादा रहता है. एनएसई प्रमुख ने ऐसे निवेशकों को पैसे गंवाने से बचने का तरीका बताया है.
फ्यूचर एंड ऑप्शंस से बनाकर रखें दूरी
प्रमुख घरेलू शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रमुख आशीषकुमार चौहान ने शुक्रवार को शेयर बाजार के निवेशकों को सजग किया. उन्होंने बाजार के निवेशकों को खास तौर पर खुदरा निवेशकों को आगाह किया कि वे डेरिवेटिव सेगमेंट से दूर रहें. एनएसई प्रमुख के अनुसार खुदरा निवेशकों को इक्विटी सेगमेंट में पैसे लगाना चाहिए और इसके लिए वे म्यूचुअल फंड का रास्ता चुन सकते हैं.
बार-बार दी जाती है ऐसी हिदायत
यह पहली बार नहीं है, जब खुदरा निवेशकों को डेरिवेटिव सेगमेंट यानी फ्यूचर एंड ऑप्शंस से दूर रहने के लिए कहा गया है. इससे पहले कई मौकों पर बाजार नियामक सेबी खुदरा निवेशकों को डेरिवेटिव सेगमेंट में सतर्क करने का प्रयास कर चुका है. बाजार के तमाम एनालिस्ट भी समय-समय पर खुदरा निवेशकों को एफएंडओ से दूरी बनाकर रखने की सलाह देते रहते हैं.
वित्त मंत्री भी जाहिर कर चुकी हैं चिंता
सेबी की एक रिपोर्ट बताती है कि फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में 95 फीसदी से ज्यादा खुदरा निवेशक नुकसान उठाते हैं. दरअसल फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में पलक झपकते मोटी कमाई होने की उम्मीद रहती है. इसी उम्मीद में खुदरा निवेशक उसमें पैसे लगाते हैं. हालांकि ज्यादातर फायदे की जगह नुकसान उठाते हैं. यह इस कदर व्यापक है कि हाल ही में खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर चिंता जाहिर की थी और एफंएडओ सेगमेंट से खुदरा निवेशकों को बचाने के उपायों की वकालत की थी.
खुदरा निवेशकों के लिए निवेश की सलाह
आशीषकुमार चौहान ने भी कहा कि एफएंडओ सेगमेंट खुदरा निवेशकों के लिए नहीं है. यह सेगमेंट वैसे निवेशकों के लिए है, जिनके पास अच्छे से सारी जानकारी है और जो बाजार को समझते हुए बेहतर तरीके से रिस्क को मैनेज कर सकते हैं. खुदरा निवेशकों को म्यूचुअल फंड रूट के जरिए इक्विटी में इन्वेस्ट करने पर ध्यान देना चाहिए.