दिल्ली में एक जुलाई से पुलिस के काम करने का तरीका पूरी तरह से बदल जाने वाला है. अब लागू होने जा रहे नए कानून के मुताबिक दिल्ली पुलिस के हर जवाने को एक ऐप डाउनलोड करना होगा. जो उसकी ड्यूटी के दौरान एक अहम भूमिका निभा सकता है. अबसे हर पुलिस कर्मी को किसी भी पुलिसिया कार्रवाई के दौरान सबूतों को रिकॉर्ड करना होगा और उसका वीडियो बनाना होगा. इन सबूतों को महज 2 दिनों के भीतर कोर्ट में भेजना भी जरूरी होगा. इसके लिए दिल्ली में जिला स्तर पर पुलिस कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इस नए ऐप को ई प्रमाण-पत्र ऐप नाम दिया गया है.
दिल्ली पुलिस ने इसके लिए हर तरह की कानूनी धाराओं में इस ऐप के जरिये की जाने वाली कार्रवाई को समझाने और उसका प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षण की बड़ी योजना तैयार की है. इस ऐप में पीड़ितों से मिली जानकारी को भी अपलोड किया जाएगा. पुलिस विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस ऐप के बारे में हर तरह का प्रशिक्षण जून महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. पुलिस के मुताबिक इस ऐप में किसी भी वारदात के मौके से मिले सबूतों और सामानों की छोटी-छोटी वीडियो क्लिप भी बनाई जाएगी. इनके ऐप पर तत्काल अपलोड किया जाएगा. वीडियो को ऐप पर लोड करते ही एक यूआरएल जेनरेट होगा. इसे डीडी यानी केस डायरी में दर्ज करना भी जरूरी होगा.
अब से ऐप के जरिये किसी भी केस से जुड़ा एफआईआर नंबर, साल, डीडी नंबर, तारीख, जिला यूनिट, पुलिस स्टेशन का नाम और ऑडियो व वीडियो की जानकारी मिलने में सहूलियत होगी. इस तरह भारतीय साक्ष्य संहिता में कहा गया है कि पुलिस कर्मी या केस का जांच अधिकारी तुरंत सबूतों के ऐप पर डाउनलोड करेगा. इससे मामलों की सुनवाई में अनावश्यक देरी से बचा जा सकेगा. मौके पर मिले सामन, जब्ती की कार्रवाई या निरीक्षण की कार्रवाई का भी वीडियो बनाया जाएगा.