आम बजट को लेकर सलाह-मशविरा का दौर शुरू हो चुका है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट को लेकर देश के दिग्गज अर्थशास्त्रियों के साथ नॉर्थ ब्लॉक स्थिक वित्त मंत्रालय में पहली बजट पूर्व बैठक की है जिसमें जुलाई में पेश होने वाले बजट को लेकर अर्थशास्त्रियों के सुझाव लिए गए हैं. वित्त मंत्री के साथ इस बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हुए.
बजट पर मंथन!
बजट पूर्व बैठक का सिलसिला आज शुरू हो चुका है. गुरुवार 20 जून को वित्त मंत्री उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर बजट को लेकर उनके सुझाव लेंगी. इसके अलावा कृषि सेक्टर के एक्सपर्ट्स, लेबर यूनियन के प्रतिनिधियों के अलावा वित्त मंत्री फाइनेंशियल सेक्टर के रेग्यूलेटर्स के साथ भी प्री-बजट मीटिंग कर सकती हैं. 22 जून तो जीएसटी काउंसिल की बैठक जिसकी अध्यक्षता खुद वित्त मंत्री करने जा रही हैं. उसी दिन वित्त मंत्री राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ भी प्री-बजट मीटिंग करेंगी और उनके सुझाव लेंगी.
मंगलवार को रेवेन्यू सेक्रेटरी ने की थी बजट पूर्व बैठक
इससे पहले मंगलवार 18 जून को राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बिजनेस चैंबर्स के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर बजट को लेकर उनके सुझाव लिए थे. बिजनेस चैंबर सीआईआई ने रेवेन्यू सेक्रेटरी को सौंपे गए अपनी मांगों में फेहरिस्त में बजट में 20 लाख रुपये तक सालाना आय वालों को टैक्स में मामूली राहत देने की गुजारिश की है. साथ ही पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाकर दोनों ही ईंधन को सस्ता करने की मांग की गई है जिससे महंगाई से राहत दिलाई जा सके.
फिक्की ने डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स (Direct Tax and Indirect Tax) को लेकर रेवेन्यू सेक्रेटरी को अपने सुझाव सौंपें हैं जिसमें टीडीएस (TDS) रेट स्ट्रक्चर को तर्कसंगत बनाने की मांग की गई है. फिक्की ने टीडीएस पेमेंट पर केवल तीन रेट स्ट्रक्चर का सुझाव दिया है. जिसमें सैलेरी पर स्लैब रेट के हिसाब से टीडीएस, लॉटरी-ऑनलाइन गेम्स पर मैक्सिमम मार्जिनल रेट और दूसरे कैटगरी के लिए दो टीडीएस रेट को लागू किया जाए. इससे टैक्सपेयर्स पर अनुपालन का बोझ कम होगा. फिक्की ने कैपिटल गेन स्ट्रक्चर को भी सरल बनाने का सुझाव दिया है.