केंद्र सरकार के 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग की मांग तेज हो गई है. कर्मचारी संगठन चाहते हैं कि सरकार उनके वेतन, भत्ते और पेंशन की जल्द समीक्षा करने को जल्द आठवां वेतन आयोग का गठन करे. अब नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड, जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईज) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने सरकार को पत्र लिखकर यह मांग दोहराई है. वेतन आयोग का गठन हर दस साल में होता है. इसलिए उम्मीद की जा रही है कि साल 2026 में आठवें वेतन आयोग का गठन होगा. आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 25 से 35 फीसदी इजाफा होने का अनुमान है. अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम बेसिक सैलरी 26 हजार रुपये महीना के आसपास हो जाएगी. फिटमेंट फेक्टर को भी 2.57 से बढाकर 3.68 किए जाने की उम्मीद है.
वेतन आयोग सरकार की ओर से नियुक्त एक निकाय है. यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन ढांचे, भत्तों और लाभों की समीक्षा कर उनमें बदलाव की सिफारिश करता है. यह मुद्रास्फीति जैसे बाहरी कारकों पर विचार करते हुए आवश्यक समायोजन का प्रस्ताव करता है. हर 10 साल में यह आयोग बैठक करता है. 28 फरवरी, 2014 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 7वें वेतन आयोग का गठन किया था. आयोग ने 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी और इसकी सिफारिशों को 1 जनवरी, 2016 से लागू किया गया था.
कब गठित होगा 8वें वेतन आयोग?
वेतन आयोग का गठन हमारे देश में 10 साल के अंतराल पर होता आया है. अनुमान है कि आठवें वेतन आयोग का गठन 1 जनवरी, 2026 तक किया जाएगा. हालांकि, अभी तक केंद्र की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. मोदी सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने के साथ ही 1 करोड़ से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों में आठवें वेतन आयोग को लेकर उत्सुकता है बढ गई है.
कर्मचारियों ने दिया नया प्रपोजल
जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईज के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों को देखते हुए नए वेतन आयोग का तत्काल गठन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 2015 के बाद से सरकारी राजस्व दोगुना हो गया है. टैक्स कलेक्शन में भी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन, केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में महंगाई के हिसाब से वृद्धि नहीं हुई है.