ऑनलाइन रेल टिकट बुक करने वाली प्लेटफॉर्म आईआरसीटीसी ने सोशल मीडिया में वायरल हो रहे उन खबरों को निराधार और भ्रामक बताया है जिसमें कहा गया है कि अलग सरनेम के चलते ई-टिकट की बुकिंग करने पर बंदिशें लगा दी गई है. आईआरसीटीसी ने ऐसे गलत खबरों को फैलाने से बचने की नसीहत दी है. अपने स्पष्टीकरण में आईआरसीटीसी ने कहा, उसके साइट पर टिकट की बुकिंग रेलवे बोर्ड के गाइडलाइंस के तहत की जाती है.
दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे पोस्ट वायरल हो रहे थे जिसमें कहा गया कि अगर किसी का सरनेम कुछ और है तो वो अपने टिकट बुकिंग अकाउंट से दूसरे सरनेम वाले व्यक्ति का आईआरसीटीसी के वेबसाइट या ऐप पर टिकट बुक नहीं कर सकेगा. और दूसरे सरनेम के टिकट बुक करने पर सजा भी हो सकती है. इस खबर के वायरल होने के बाद आईआरसीटीसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, सोशल मीडिया में जो न्यूज सर्कुलेशन में है कि दूसरे सरनेम पर टिकट बुकिंग पर बंदिशें लगा दी गई है ये पूरी तरह गलत और भ्रामक है.
आईआरसीटीसी ने अपने पोस्ट में कहा, कोई भी व्यक्ति अपने यूजर आईडी से अपने दोस्त, परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के लिए टिकट बुक कर सकता है. हर महीने एक यूजर 12 टिकट की बुकिंग कर सकता है. अगर आधार से यूजर अपनी पहचान के सत्यापन साबित करता है तो वो 24 टिकट हर महीने बुक कर सकता है. आईआरसीटीसी ही नहीं भारतीय रेल के प्रवक्ता ने भी एक्स पर अपने पोस्ट में इस खबर को भ्रामक बताया है.
नियम?
आईआरसीटीसी ने कहा कि पर्सनल यूजर आईडी से बुक किए गए टिकट को कमर्शियल तौर पर बेचा नहीं जा सकता है और ऐसा करना अपराध है. ऐसा करते हुए पाये जाने पर रेलवे एक्ट, 1989 के सेक्शन 143 के तहत सख्त कार्रवाई का प्रावधान है.